Earthquake Risk Study: 28 मार्च 2025 को म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप से पता चला कि फॉल्ट अनुमान से ज्यादा हिलते हैं। कैलिफोर्निया जैसे खतरनाक फॉल्ट जटिल व्यवहार कर सकते हैं, जिससे बड़े भूकंप का खतरा बढ़ता है।
Myanmar Earthquake: 28 मार्च 2025 को म्यांमार में सागाइंग फॉल्ट के पास 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके चलते हजारों लोग मारे गए थे। इस भूकंप से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिली है कि कैलिफोर्निया के सैन एंड्रियास जैसे खतरनाक फॉल्ट भविष्य में कैसे व्यवहार कर सकते हैं। नई स्टडी से पता चला है कि भविष्य में और भी खतरनाक भूकंप आ सकते हैं।
म्यांमार भूकंप के चलते अनुमान से ज्यादा खिसका फॉल्ट
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Caltech) के एक नए स्टडी ने आश्चर्यजनक निष्कर्ष निकला है। ये वैज्ञानिकों के भूकंप की भविष्यवाणी करने के तरीके को बदल सकते हैं। वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों का इस्तेमाल कर पता लगाया कि भूकंप के दौरान और उसके बाद जमीन किस तरह खिसकी। पता चला कि फॉल्ट वैज्ञानिकों द्वारा लगाए गए अनुमान से ज्यादा खिसका। अनुमान था कि फॉल्ट 300km तक खिसक सकता है, लेकिन यह 500km से अधिक दूर तक खिसक गया था। फॉल्ट का एक किनारा दूसरे किनारे की तुलना में 3 मीटर दक्षिण की ओर खिसक गया था।
जमीन के नीचे हुई इस बड़ी हलचल से पता लगा है कि कैलिफोर्निया में सागाइंग और सैन एंड्रियास जैसे अपेक्षाकृत सीधे, अच्छी तरह से समझे जाने वाले फॉल्ट भी पहले की अपेक्षा बड़े और अधिक जटिल भूकंप पैदा कर सकते हैं।
कैलटेक में पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर और स्टडी की प्रमुख लेखिका सोलेन एंटोनी ने कहा, "यह भूकंप हमारी नई इमेजिंग टेक्निक को टेस्ट करने के लिए एकदम सही मामला था। इससे वैज्ञानिकों को यह मापने में सहायता मिलती है कि धरती कितनी गति से आगे बढ़ी है। खासकर उन दिशाओं में जिनका पता पुरानी तकनीकें ठीक से नहीं लगा पाती थीं।"
फॉल्ट हमेशा अनुमान के अनुसार काम नहीं करते
स्टडी के नतीजे को 11 अगस्त को जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित किया गया। इससे भूकंप के जोखिम की भविष्यवाणी करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पारंपरिक मॉडलों को चुनौती मिली है। इस समय कई भूकंप पूर्वानुमान में देखा जाता है कि अगले 30 साल में भूकंप आने की संभावना कितनी है। इस बात पर विचार नहीं किया जाता कि फॉल्ट कितना आगे बढ़ा या कितना दबाव बना है। अब म्यांमार में आए भूकंप से पता चला है कि फॉल्ट हमेशा पहले से अनुमान लगाए गए तरीके से काम नहीं करते।
साधारण फॉल्ट्स के चलते भी आ सकते हैं भूकंप
स्टडी के सीनियर राइटर और कैलटेक के प्रोफेसर जीन-फिलिप एवौक ने कहा, "अध्ययन से पता चला है कि भविष्य में आने वाले भूकंप शायद पिछले भूकंप जैसे नहीं हों। यहां तक कि सागाइंग या सैन एंड्रियास जैसे सिंपल फॉल्ट भी जटिल तरीके से व्यवहार कर सकते हैं और अपेक्षा से अधिक ऊर्जा मुक्त कर सकते हैं। इससे बड़े भूकंप आने का खतरा है।"
क्या हैं फॉल्ट?
भूविज्ञान में फॉल्ट या भ्रंश का मतलब पृथ्वी की पपड़ी में फ्रैक्चर है। अधिकतर मामले में ये ऐसी जगह बनते हैं जहां टेक्टोनिक प्लेट मिलती हैं। टेक्टोनिक प्लेटों की गति फॉल्ट बनने की मुख्य वजह है। वहीं, तापमान और दबाव में परिवर्तन, कटाव, और खनन व ड्रिलिंग जैसी मानवीय गतिविधियां जैसे अन्य कारक भी फॉल्ट बना सकते हैं।
