सार

1932 के बाद कोरोना ने ही हज यात्रा पर ग्रहण लगाया है। लगातार दूसरे साल हज यात्रा पर प्रतिबंध जारी है। जहां हर साल कम से कम 20 लाख लोग हज यात्रा करते रहे हैं वहीं पिछले साल महज एक हजार लोगों को हज यात्रा की इजाजत मिली थी। इस बार दुनियाभर के 60 हजार लोगों को हज पर जाने की इजाजत दे दी गई थी लेकिन अचानक से इस निर्णय को बदल दिया गया है।

रियाद। इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए सबसे पवित्र स्थल मक्का जाना इस बार भी नसीब नहीं होगा। दूसरे साल भी कोरोना की वजह से यहां यात्रा पर ग्रहण लग चुका है। सऊदी अरब ने हज करने आने वाले दूसरे मुल्कों के लोगों को इजाजत नहीं दी है। सऊदी प्रशासन ने केवल 60 हजार लोकल लोगों को हज पर जाने की मंजूरी दी है। 

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17 से 22 जुलाई तक होगी हज यात्रा

सऊदी अरब प्रशासन के अनुसार इस बार हज यात्रा 17 जुलाई से 22 जुलाई तक ही होना है। 18-65 वर्ष के लोगों को ही हज करने की इजाजत होगी। बिना वैक्सीनेशन के कोई यात्रा नहीं कर सकेगा। 

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कोरोना की पहली लहर में एक हजार लोगों को दी थी इजाजत

सऊदी अरब ने पिछले साल महज एक हजार लोगों को हज पर जाने की इजाजत दी थी। हालांकि, इस बार दुनिया भर के 60 हजार लोगों को हज पर जाने की इजाजत दी गई थी जिसमें 15 हजार लोकल लोग शामिल थे। लेकिन प्रशासन ने आदेश में तब्दीली करते हुए किसी भी बाहरी के हज यात्रा पर रोक लगाते हुए 60 हजार केवल लोकल लोगों को ही यात्रा करने की इजाजत दी है। हज पर हर साल कम से कम बीस लाख लोग दुनियाभर से बाते रहे हैं। 

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