अमेरिका के आर्थिक और व्यापार प्रतिबंधों के कारण होने वाले दुष्प्रभावों की तुलना में सैन्य ताकत कुछ भी नहीं है। आर्थिक प्रतिबंध बड़ी सरकारों के लिए एक-दूसरे पर अपनी असहमति जताने का एक तरीका है, जबकि युद्ध आर्थिक और राजनीतिक रूप से महंगे हैं।
US ने इस्लामिक देश की बैलिस्टिक मिसाइल परियोजना के लिए समान मुहैया करने वाली 4 कंपनी पर बैन लगा दिया है। इसकी सबसे खास बात ये है कि 4 में से 3 कंपनी चीन की थी, जिस पर अमेरिका ने बैन वाला हथौड़ा चलाया है।
1 अप्रैल, 2024 को दमिश्क में ईरानी कांसुलर भवन पर हमले के बाद 13 अप्रैल को ईरान ने इजराइल पर करीब 250 मिसाइलें और ड्रोन दाग दी थी। जिससे बाद से तनाव बढ़ गया।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इस वक्त रावलपिंडी की अदियाला जेल में 190 मिलियन पाउंड की भ्रष्टाचार में मामले में बंद है।
पाकिस्तानी संसद में राष्ट्रपति आसिल अली जरदारी के भाषण के दौरान हंगामा शुरू हो गया। जरदारी के स्पीच पढ़ना शुरू करते ही सांसदों ने ‘गो जरदारी गो’ के नारे लगाए जाने लगे। घटना में शामिल सांसदों को संसद से निष्कासित कर दिया गया है।
ईरान और इजरायल के हालात काफी नाजुक हो गए हैं। विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन ने कहा है कि यदि ईरान के खिलाफ इजरायल ने एक भी गलत कदम उठाया तो हम अधिकतम स्तर तक जाकर उसे करारा जवाब देंगे।
दुबई के बाद अब पाकिस्तान में भी भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। तूफान और बारिश से कई गृहस्थियां तबाह होने के साथ 87 लोगों की जान चली गई है। कई गांवों के साथ शहर के कई इलाकों में पानी भर जाने से लोग परेशान हैं।
फ्रांसीसी अधिकारियों ने एक व्यति को विस्फोटकों के साथ अरेस्ट किया है। फ्रांस पुलिस पूछताछ में जुट गई है।
आज के वक्त में इजरायल का ईरान के साथ सीधे तौर पर भिड़ना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले इजरायल इस्लामिक देश के खिलाफ दो प्रॉक्सी वॉर कर चुका है। साल 2006 में लेबनान में हिजबुल्लाह के जंग, जो 34 दिनों तक चली थी।
दुबई में आए बाढ़ ने सारी दुनिया को चौंका कर रख दिया। खाड़ी देश में आए पानी के सैलाब ने पूरे शहर को समुद्र में तब्दील कर दिया था। इससे पूरे संयुक्त अरब अमीरात में सड़कों पर बाढ़ आ गई।