सार

इमरान सरकार कुलभूषण जाधव को शुक्रवार को कॉन्स्युलर एक्सेस ( राजनयिक मदद) उपलब्ध कराएगी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत की गाईडलाइन के मुताबिक, पाकिस्तान ने कॉन्स्युलर एक्सेस की पेशकश की है। सही समय पर राजनयिक माध्यमों से भारत इस प्रस्ताव पर जवाब देगा।

इस्लामाबाद. इमरान सरकार कुलभूषण जाधव को शुक्रवार को कॉन्स्युलर एक्सेस ( राजनयिक मदद) उपलब्ध कराएगी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत की गाईडलाइन के मुताबिक, पाकिस्तान ने कॉन्स्युलर एक्सेस की पेशकश की है। सही समय पर राजनयिक माध्यमों से भारत इस प्रस्ताव पर जवाब देगा। 

इससे पहले पाकिस्तान भारत की अपील के बावजूद जाधव को कॉन्स्युलर एक्सेस देने से इनकार करता रहा है। 17 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पाक जेल में बंद कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी थी। साथ ही आईसीजे ने पाकिस्तान से भारत को कुलभूषण मामले में  कॉन्स्युलर एक्सेस देने के लिए कहा था। 

अप्रैल 2017 में पाक सेना ने जाधव को मौत की सजा सुनाई थी
पाकिस्तानी सेना ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान का आरोप है कि भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव एक बिजनेसमैन नहीं बल्कि एक जासूस है। पाक का दावा है कि जाधव को 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। वह ईरान से पाकिस्तान में दाखिल हुआ था। वहीं, भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से किडनैप किया गया। जाधव वहां नौसेना से रिटायर होने के बाद बिजनेस करने की कोशिश में थे।

भारत ने मई 2017 में आईसीजे के समक्ष यह मामला उठाया था। साथ ही पाक पर राजनयिक मदद न मुहैया करवाने का आरोप लगाया था। भारत ने पाक सेना के ट्रायल को भी चुनौती दी थी। इस पर अंतरराष्ट्रीय अदालत के 16 जजों ने 15-1 के बहुमत से कुलभूषण की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। साथ ही कहा था कि जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से फैसले की समीक्षा और उस पर पुनर्विचार नहीं कर लेता, फांसी पर रोक जारी रहेगी।

'पाक ने विएना संधि का उल्लंघन किया'
आईसीजे ने कहा था, ''पाकिस्तान ने कुलभूषण के साथ भारत की बातचीत और कॉन्स्यूलर एक्सेस के अधिकार को दरकिनार किया। भारत को जाधव के लिए कानूनी प्रतिनिधि मुहैया कराने का मौका नहीं दिया गया। पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण के साथ बातचीत और मुलाकात के अधिकार से वंचित रखा। साथ ही पाक ने  भारत की कॉन्स्यूलर एक्सेस के लिए की गईं अपीलों को भी ठुकरा दिया। पाक ने विएना संधि के तहत कॉन्स्यूलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन किया।''