सार

पाकिस्तान में मचे सियासी बवंडर के बीच सुप्रीम कोर्ट में आज फिर संसद भंग करने के मामले की सुनवाई हुई। यह सुनवाई पाकिस्तान का राजनीतिक भविष्य तय करेगी। यदि संसद भंग करने को कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया तो यहां चुनाव न कराते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई जा सकती है।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में संसद भंग (Pakistan national assembly)करने के मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों की याचिका पर आज फिर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट (Supreme court of pakistan)में सुनवाई हुई। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस (CJI) उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। 
सोमवार की सुनवाई शुरू करते ही चीफ जस्टिस ने कहा था कि कोर्ट आज ही मामले पर फैसला सुनाएगा। लेकिन, करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक चली सुनवाई के बाद भी कोर्ट किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका। मंगलवार को भी करीब तीन घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई में कोर्ट किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। कल फिर इस मामले की सुनवाई होगी।

सोमवार को सुनवाई के दौरान पीपीपी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से फुल बेंच में सुनवाई की मांग की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि बेंच से आपत्ति है तो हम चले जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फुल बेंच में सुनवाई से दूसरे मामले प्रभावित होते हैं। कोर्ट ने पीपीपी के वकील को फटकार भी लगाई थी। उसने कोर्ट में राजनीतिक बातें नहीं करने की सलाह दी थी। मामले की सुनवाई पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJP)उमर अता बंदियाल, जस्टिस इजाजुल अहसन, जस्टिस मजहर आलम खान मियांखेल, जस्टिस मुनीब अख्तर और जस्टिस जमाल खान मंडोखाइल इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। आज फिर यही बेंच मामले की सुनवाई करेगी। 

सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के अधिकारों पर सवाल उठाए थे। सुनवाई कर रही बेंच के जस्टिस इजाजुल अहसन ने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही में नियमों का उल्लंघन हुआ है। हालांकि, कोर्ट कल किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई थी।  

चीफ जस्टिस ने पूछा था- डिप्टी स्पीकर का फैसला अवैघ कैसे
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ( CJP) उमर अता बंदियाल ने सोमवार को याचिका लगाने वाले विपक्ष से पूछा था कि सुप्रीम कोर्ट को समझाएं कि प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी का 3 अप्रैल का फैसला अवैध कैसे था। हालांकि, जस्टिस मुनीब अख्तर ने माना था कि सदन के नियमों के तहत, डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव पर जो फैसला सुनाया, वह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर था।  

सीजेपी बंदियाल ने कहा कि यदि अविश्वास प्रस्ताव अवैध था तो इसे पहले भी बताया जा सकता था। वोटिंग के दौरान यह बताने का क्या मतलब है? सीजेपी ने विपक्षी पार्टियों के राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में न जाने पर भी आश्चर्य जताया था। पाकिस्तान में विपक्षी संगठनों पीपीपी, पीएमएल-एन और जेयूआई-एफ ने सुप्रीम कोर्ट में संसद भंग करने के खिलाफ याचिका लगाई है। उसकी तरफ से कोर्ट में पेश हुए कानून मंत्री सीनेटर फारूक एच नाइक ने मामले पर सोमवार को ही फैसला सुनाने का अनुरोध किया था। हालांकि, फैसला कल नहीं हो सका। 

शहबाज का आरोप- झूठ बोल रहे इमरान
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बीच विपक्ष के नेता शहबाज  शरीफ ने कहा कि इमरान खान लगातार झूठ बोल रहे हैं। संसद में संविधान का उल्लंघन किया गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान डूब रहा है। महंगाई चरम पर है, लेकिन इमरान सत्ता के लिए मनमानी पर उतारू हैं। 

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