सार

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है।पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बाजवा के कार्यकाल विस्तार के नॉटिफिकेशन को 27 नवंबर तक निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने जनरल बाजवा समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। 

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। जिसमें पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने बाजवा के सेवा विस्तार पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बाजवा के कार्यकाल विस्तार के नॉटिफिकेशन को 27 नवंबर तक निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने जनरल बाजवा समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। 

29 को हो रहे रिटायर 

पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान ने 19 अगस्त को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के तौर पर बाजवा का कार्यकाल अगले तीन साल के लिए बढ़ा दिया था। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई बुधवार तक के लिए टाल दी है। 

कोर्ट ने सरकार के प्रक्रिया पर उठे सवाल 

'डॉन' की खबर के अनुसार, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा के कार्यकाल विस्तार को लेकर इमरान सरकार द्वारा की गई प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं। जिसमें पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा की अगुवाई वाली 3 सदस्यीय बेंच ने कहा कि इस पर बुधवार को सुनवाई करेंगे। 

19 अगस्त को मिला सेवा विस्तार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 19 अगस्त 2019 को मौजूदा सेना प्रमुख जनरल बाजवा के सेवा विस्तार को मंजूरी दी थी और इसकी अधिसूचना राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी के पास भेजी गई थी।  राष्ट्रपति ने भी इस पर हस्ताक्षर कर दिए थे। कोर्ट ने सवाल उठाया कि कार्यकाल के किसी भी विस्तार पर कोई भी अधिसूचना के वर्तमान कार्यकाल के पूरा होने के बाद ही जारी की जा सकती है, जो 28 नवंबर 2019 को समाप्त हो रही है। 

बाजवा को कश्मीर मुद्दों का माना जाता है जानकार 

जनरल कमर जावेद बाजवा को 29 नवंबर 2016 को पाकिस्तानी सेना के 16 वें सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। बाजवा को कश्मीर मुद्दों का जानकार माना जाता है। उनके पास भारत के साथ लगी नियंत्रण रेखा का भी अच्छा खासा अनुभव है। उन्होंने कश्मीर और उत्तरी इलाकों में लंबे समय तक बतौर सेनाधिकारी सेवा दी है। वे गिलगित-बाल्टिस्तान में फोर्स कमांडर की पोस्ट पर भी रह चुके हैं। कांगों में शांति मिशन के दौरान भी ब्रिगेडियर रहते हुए बाजवा ने अपनी सेवाएं दी थीं।