सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में वैश्विक शांति और विकास पर जोर दिया और ग्लोबल संस्थाओं में सुधार का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मानवता की सफलता सामूहिक शक्ति में निहित है, न कि युद्ध में।
PM Modi in UNGA: पीएम नरेंद्र मोदी अपने तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा के आखिरी दिन समिट ऑफ द फ्यूचर को संबोधित किया। संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली के सेक्रेटरी जनरल द्वारा आयोजित इस समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने वैश्विक शांति की अपील करते हुए कहा कि मानवता की सफलता युद्ध के मैदान में नहीं बल्कि हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी के स्पीच की बड़ी बातें...
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूयार्क के संयुक्त राष्ट्र महासभा हेडक्वाटर्स से ग्लोबल संस्थाओं में सुधार का आह्वान करते हुए कहा कि सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा की समिट फॉर द फ्यूचर को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मानवता की सफलता युद्ध के मैदान में नहीं बल्कि हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व शांति और विकास के लिए वैश्विक संगठनों के लिए सुधार आवश्यक है। कोई भी ग्लोबल कार्रवाई ग्लोबल वजहों के लिए होनी चाहिए।
- पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल पीस और सिक्योरिटी के लिए एक ओर आतंकवाद जैसा बड़ा खतरा है, वहीं दूसरी ओर साइबर, समुद्री, अंतरिक्ष जैसे संघर्ष के कई नए क्षेत्र भी बन रहे हैं।
- नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मैं मानवता के छठे हिस्से की आवाज को यहां लाने के लिए आया हूं। हमने भारत में 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है।
- पीएम मोदी ने कहा कि हमने दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है। हम सफलता के इस अनुभव को ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम एक स्थायी वैश्विक भविष्य की कल्पना करते हैं, मानव-केंद्रित दृष्टिकोण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
- मोदी ने कहा कि हमारे सतत विकास के लक्ष्य में मानव कल्याण, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना एक पुल होनी चाहिए, बाधा नहीं। ग्लोबल गुड के लिए भारत अपना डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पूरे विश्व से साझा करने के लिए तैयार है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए one earth, one family, one future एक कमिटमेंट है।
महासभा ने भविष्य के लिए समझौता एजेंडे को अपनाया
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भविष्य के लिए समझौता एजेंडे को अपनाया है। इस समझौता को जलवायु परिवर्तन, संघर्ष और मानवाधिकारों सहित 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए बनाया गया है। हालांकि, रूस सहित उसके सात समर्थक देशों के समूह ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए भविष्य के समझौता एजेंडे को खारिज करते हुए उसका विरोध किया गया है। रूस ने समझौते की आलोचना करते हुए कहा कि समझौते से संतुष्ट नहीं होने वाले देशों को आगे की बातचीत का अवसर नहीं दिया गया। संयुक्त राष्ट्र कुछ देशों को खुश करने के लिए अपने सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहा है।
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