सार
इराक की राजधानी बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर फिर रॉकेट से हमला(Rocket attack on US embassy) किया गया। इराकी सेना ने अपने बयान में कहा कि बगदाद में अमेरिकी दूतावास के खिलाफ रॉकेट से हुए हमले में एक बच्चा और महिला घायल हुई है। अमेरिका ने इस हमले के लिए ईरान-गठबंधन मिलिशिया समूहों को जिम्मेदार ठहराया है।
बगदाद. इराक में अमेरिकी दूतावास(US embassy) को निशाना बनाकर फिर से रॉकेट दागे गए। इस महीने में कई बार ऐसे हमले हुए हैं। इराकी सेना ने अपने बयान में कहा कि बगदाद में अमेरिकी दूतावास के खिलाफ रॉकेट से हुए हमले में एक बच्चा और महिला घायल हुई है। अमेरिका ने इस हमले के लिए ईरान-गठबंधन मिलिशिया समूहों को जिम्मेदार ठहराया है। मिलिशया समूह लगातार अमेरिकी सैन्य और राजनयिक कर्मियों के स्थानीय ठिकानों को टार्गेट कर रहा है। पिछले कई सालों में ऐसे दर्जनों हमले हुए। हालांकि इनमें कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। इराकी सैन्य अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रायटर को बताया कि देर रात(गुरुवार) अमेरिकी दूतावास की ओर दो से तीन कत्यूषा रॉकेट (Katyusha rockets) दागे गए थे। हालांकि इनमें से दो को दूतावास की रॉकेट रक्षा प्रणाली ने गिरा दिया था।
जुलाई में भी ऐसी ही हमला हुआ था
जुलाई, 2021 में भी बगदाद स्थित अमेरिकी एंबेसी पर रॉकेट से हमला किया गया था। हालांकि तब भी एंबेसी के एंटी-रॉकेट सिस्टम ने इन्हें डायवर्ट कर दिया था। इससे एक रॉकेट बगदाद के ग्रीन जोन में गिरा, जबकि दूसरा पास के एक क्षेत्र में जाकर फेल हो गया था।
ईरान समर्थित मिलिशिया ग्रुप पर अमेरिका ने थी एयर स्ट्राइक
कुछ महीने पहले अमेरिकी सेना ने इराक-सीरिया बॉर्डर पर ईरान समर्थित मिलिशिया ग्रुप पर डिफेंसिव एयर स्ट्राइक की थी। पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी जॉन किरबी ने इसकी पुष्टि की थी। बता दें कि सीरिया में मौजूद मिलिशिया लड़ाकों को इजरायल के लिए एक बड़ा खतरा माना जा रहा है। अमेरिका पहले से ही ईरान के खिलाफ है। वो फिलिस्तीन के खिलाफ इजरायली हमले को सुरक्षा की दृष्टि से सही कदम बता चुका है। मिलिशिया पर बाइडेन के राष्ट्रपति कार्यकाल में अब तक अमेरिका पर दर्जनों एयर स्ट्राइक कर चुका है।
बाइडेन आते ही किया था मिलिशिया पर हमला
अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभालने के 36 दिन बाद ही जो बाइडेन ने अपने शासनकाल का पहला मिलिट्री ऑपरेशन सीरिया में ईरानी समर्थक मिलिशिया के अड्डों पर बम गिराकर शुरू किया था। सीरिया में मिलिशिया का खासा दखल माना जाता है। यहां भी अमेरिकी सेना को निशाना बनाया जाता है। एटमी हथियार प्रोग्राम के चलते अमेरिका और ईरान में लंबे समय से ठनी हुई है।