सार
रूस ने एक बार फिर साबित है कि वो भारत का सबसे अच्छा दोस्त है। रूसी विदेश मंत्रालय ने बुधवार (8 मई) को खालिस्तान आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के हत्या की नाकामयाब साजिश से जुड़े मामले पर अमेरिका को आईना दिखाया है।
रूस। रूस ने एक बार फिर साबित है कि वो भारत का सबसे अच्छा दोस्त है। रूसी विदेश मंत्रालय ने बुधवार (8 मई) को खालिस्तान आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के हत्या की नाकामयाब साजिश से जुड़े मामले पर अमेरिका को आईना दिखाया है। उन्होंने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। रूस के तरफ से दिए गए इस बयान के बाद अमेरिका को मिर्ची लग सकती है। इस पर रूसी विदेश मंत्रालय की आधिकारिक प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने बुधवार को कहा कि हमारे पास जो जानकारी है उसके अनुसार, अमेरिका ने अभी तक किसी GS पन्नू की हत्या की तैयारी में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है।
मारिया जखारोवा ने कहा, "सबूतों के अभाव में इस विषय पर अटकलें अस्वीकार्य हैं।" उन्होंने कहा कि अमेरिका में भारत के विकास और ऐतिहासिक संदर्भ की समझ का अभाव है, जो एक राष्ट्र के रूप में भारत के प्रति अनादर दर्शाता है। जखारोवा ने कहा कि अमेरिका द्वारा नई दिल्ली के खिलाफ नियमित रूप से निराधार आरोप लगाते हैं। इसके अलावा वे न केवल भारत बल्कि कई अन्य राज्यों पर भी निराधार आरोप लगाते हैं। वे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करते हैं।
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अमेरिकी राष्ट्रपति का विवादित बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कुछ दिन पहले ही भारत समेत चीन, जापान और रूस को जेनोफोबिक कहा था। उन्होंने कहा था कि इसके वजह से उनकी आर्थिक तरक्की नहीं हो पा रही। इस बयान के बाद अब रूस ने भी पन्नू के मामले में अमेरिका को घेरने की कोशिश की है। बता दें कि भारत ने भी इससे पहले पन्नू के असफल हत्या के साजिश के पीछे किसी भी तरह के संबंध होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया था। अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया था कि RAW के एक पूर्व अधिकारी ने निखिल गुप्ता नाम के एक आदमी को पन्नू को मारने की जिम्मेदारी दी थी, जिसके लिए शख्स को 1 लाख डॉलर देने की बात हुई थी।
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