सार

Ukraine crisis : यूक्रेन और रूस के बीच जंग का हल निकालने की कोशिश भी जारी है। दोनों देश अब तक दो दौर की वार्ता कर चुके हैं। सोमवार को तीसरे चरण की वार्ता होनी है। दो चरणों की बातचीत के बाद भी अब तक इस युद्ध को रोकने का कोई उपाय नहीं निकला है। संभवत: तीसरे चरण की बातचीत में कुछ उम्मीद की किरण निकले।

कीव। रूस ने कल यूक्रेनी शहर मारियुपोल और वोल्नोवाखा के नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए सीजफायर की घोषणा की थी। उसने यहां के लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए ह्यूमन कॉरिडोर (Human coridor)भी बनाया था, लेकिन यह कॉरिडोर कुछ ही देर में बंद कर दिया। दोनों ही इलाकों में चंद समय के बाद रूस ने हमले जारी रखे। सैकड़ों विदेशी लोग इन दोनों शहरों में फंसे हैं, जबकि नागरिकों की संख्या और भी अधिक है। ये दोनों शहर यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र स्थित डोनेत्स्क में हैं। डोनेत्सक को रूस ने जंग से पहले ही एक अलग देश घोषित कर दिया था। 

सोमवार को तीसरे चरण की वार्ता
यूक्रेन और रूस के बीच जंग का हल निकालने की कोशिश भी जारी है। दोनों देश अब तक दो दौर की वार्ता कर चुके हैं। सोमवार को तीसरे चरण की वार्ता होनी है। दो चरणों की बातचीत के बाद भी अब तक इस युद्ध को रोकने का कोई उपाय नहीं निकला है। संभवत: तीसरे चरण की बातचीत में कुछ उम्मीद की किरण निकले। 11 दिन के युद्ध में लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। अमेरिका, भारत समेत तमाम देशों की अपील और कड़े प्रतिबंधों के बाद भी रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है। उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति भी हार मानने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि 11 दिनों में रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर नियंत्रण नहीं कर पाई  है। 

यह भी पढ़ें- यूक्रेन पोलैंड सीमा से Asianetnews की रिपोर्ट: छात्रों की आपबीती, ट्रेन में सवार नहीं होने दे रही थी पुलिस

जेलेंस्की ने बाइडेन से फोन पर की बात  
रूस के यूक्रेन पर हमले का आज 12वां दिन है। इस बीच यूक्रेन के रष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात की। बताया जाता है कि जेलेंस्की ने बाइडेन से रूस पर लगाए गए सभी आर्थिक प्रतिबंध जारी रखते हुए यूक्रेन को आर्थिक मदद की मांग की। जेलेंस्की ने अमेरिका से सुरक्षा के मुद्दे पर भी मदद का अह्वान किया है। 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था। इसके बाद से वह लगातार रूसी शहरों को घेरने में लगा है। हवाई हमलों और गोलीबारी के बीच यूक्रेन के 10 लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़कर पड़ोसी देशों में शरण लेने पहुंचे हैं। 

यह भी पढ़ें-  निशाना लगाया, ट्रिगर दबाया और खेल खत्म, इस मिसाइल ने रूसी सेना के लिए खड़ी की परेशानी