सार

श्रीलंका (Sri Lanka) में आर्थिक हालात खराब होने के बाद राजनैतिक अस्थिरता का दौर है। देश के राष्ट्रपति गायब हो चुके हैं, वहीं प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी इस्तीफा दे दिया है। अब श्रीलंका में सेना की भी इंट्री हो गई है।

कोलंबो. श्रीलंका में हालात बेकाबू होने के बाद सेना की भी इंट्री हो गई है। श्रीलंका के सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने रविवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का अवसर अब उपलब्ध है। उन्होंने राष्ट्रपति के साथ संघर्ष के कुछ घंटों बाद देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों का समर्थन मांगा। ताजा घटनाक्रम के बाद गोटाबाया राजपक्षे 13 जुलाई को पद छोड़ने के लिए तैयार हो गए हैं। 5 प्वाइंट में समझें श्रीलंका के ताजा हालात क्या हैं...

  1. . देश के राष्ट्रपति के गायब होने और प्रधानमंत्री के इस्तीफे के एक दिन बाद श्रीलंका के विपक्षी राजनीतिक दल रविवार को एक नई सरकार पर सहमत होने के लिए मिलेंगे। प्रदर्शनकारियों ने दोनों अधिकारियों के घरों पर धावा बोल दिया और एक को आग लगा दी। शनिवार को राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास, उनके कार्यालय और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर धावा बोलने वाले प्रदर्शनकारियों ने यह कहते हुए रात बिताई कि वे तब तक रहेंगे, जब तक कि नेता आधिकारिक रूप से इस्तीफा नहीं दे देते।
  2. . श्रीलंका के सेना प्रमुख ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए देशवासियों से समर्थन मांगा है। श्रीलंका में हजारों सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स तोड़ने के बाद शनिवार को केंद्रीय कोलंबो के उच्च सुरक्षा वाले किले क्षेत्र में राष्ट्रपति राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया था। वहीं प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के इस्तीफे की पेशकश के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने उनके निजी आवास में आग लगा दी। एक बयान में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल सिल्वा ने कहा कि मौजूदा संकट को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का अवसर पैदा हुआ है। 
  3. . अमेरिका ने रविवार को श्रीलंका की राजनीतिक बिरादरी से आगे आने और लोगों के असंतोष को दूर करने की अपील की है। यूएस का कहना है कि श्रीलंका के दीर्घकालिक आर्थिक और राजनीतिक समाधान हासिल करने के लिए तेजी से काम करने की जरूरत है। 
  4. . अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष या आईएमएफ ने कहा है कि वह नकदी की कमी वाले देश में चल रहे घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहा है। उम्मीद है कि आईएमएफ समर्थित कार्यक्रम पर बातचीत को फिर से शुरू करने की अनुमति देने के लिए राजनीतिक संकट जल्द ही हल हो जाएगा।
  5. . शनिवार को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर कब्जा कर लिया। वे इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं देर शाम प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफा दे दिया है। प्रदर्शनकारियों ने उनके घर में आग लगा दी। राष्ट्रपति राजपक्षे का वर्तमान ठिकाना अभी भी अज्ञात है।

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