सार

ईरान के उप आंतरिक मंत्री माजिद मिरहमादी ने स्टेट मीडिया को बताया,आतंकवादी चाबहार और रास्क में गार्ड मुख्यालय पर कब्जा करने के अपने मकसद में कामयाब हो गए। उन्होंने 2 दर्जन से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया और  10 सुरक्षा अधिकारी को घायल कर दिया।

जैश-अल-अदल का आतंकी हमला। पाकिस्तान के संदिग्ध सुन्नी मुस्लिम आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल ने  दक्षिण पूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स मुख्यालय पर हमला किया। इस हमले में कम से कम 11 ईरानी सुरक्षा बल के सदस्यों समेत 16 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। ईरानी स्टेट मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक श अल-अदल समूह और सुरक्षा बलों के बीच रात भर चाबहार और रस्क शहरों में झड़प भी हुई है।

ईरान के उप आंतरिक मंत्री माजिद मिरहमादी ने स्टेट मीडिया को बताया,"आतंकवादी चाबहार और रास्क में गार्ड मुख्यालय पर कब्जा करने के अपने मकसद में कामयाब हो गए। इस दौरान उन्होंने 2 दर्जन से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया और कम से कम 10 सुरक्षा अधिकारी भी घायल हो गए। इस हमले को लेकर जैश अल-अदल ने बयान भी जारी किया। उन्होंने कहा कि वो शिया बहुल ईरान में जातीय अल्पसंख्यक बलूचियों के लिए अधिक अधिकार और बेहतर स्थिति चाहता है। इसे पहले सुन्नी मुस्लिम आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल ने सिस्तान-बलूचिस्तान में ईरानी सुरक्षा बलों पर हुए हाल के सालों में कई हमलों की जिम्मेदारी ली है।

 

 

ईरान और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति

अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा से लगा सिस्तान-बलूचिस्तान क्षेत्र लंबे समय से ईरानी सुरक्षाबलों और सुन्नी आतंकवादियों के साथ-साथ मादक पदार्थों के तस्करों के बीच अक्सर झड़पों की जगह रहा है। अफगानिस्तान से पश्चिम और अन्य जगहों पर तस्करी किए जाने वाले नशीले पदार्थों के लिए ईरान एक प्रमुख आने-जाने वाला रास्ता रहा है।

 

 

 बीते साल दिसंबर में आतंकवादी समूह ने रस्क शहर में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया, जिसमें 11 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। इसके जवाब में जनवरी में ईरान ने पाकिस्तान में आतंकवादी समूह के दो ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाया, जिसका पाकिस्तान ने भी अपनी तरफ से मिसाइल हमला कर ईरान को जवाब दिया।

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