सार

तालिबानी शासन के बाद विदेशी मीडिया को भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया हाउसेस पर भी तालिबान का पूर्ण नियंत्रण है। महिला एंकर्स को स्टूडियो से हटा दिया गया है। महिला रिपोर्टर्स के कपड़ों को लेकर सख्त नियम जारी किए गए हैं। बीते दिनों अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान भी कई मीडिया कर्मियों को जान से हाथ धोनी पड़ी थी। 

काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबानी शासन के बाद नए-नए आदेश सामने आ रहे हैं। तालिबान ने मीडिया पर निगरानी व नियंत्रण के लिए एक त्रिपक्षीय कमेटी के गठन का ऐलान किया है। कमेटी का ऐलान उस वक्त हुआ है जब देश में मीडिया काफी विपरीत परिस्थितियों से गुजर रही है, महिला एंकर्स को हटाने का आदेश तालिबान ने दिया हुआ है। 

कौन-कौन होगा त्रिपक्षीय कमेटी 

तालिबान के अनुसार त्रिपक्षीय कमेटी में संस्कृति आयोग का एक तालिबान प्रतिनिधि, काबुल पुलिस का एक अधिकारी और मीडिया संरक्षण पर संघ का एक उप प्रमुख शामिल किया गया है। 

विदेशी मीडिया को सबसे विपरीत चुनौतियों का करना पड़ रहा सामना

तालिबानी शासन के बाद विदेशी मीडिया को भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया हाउसेस पर भी तालिबान का पूर्ण नियंत्रण है। महिला एंकर्स को स्टूडियो से हटा दिया गया है। महिला रिपोर्टर्स के कपड़ों को लेकर सख्त नियम जारी किए गए हैं। बीते दिनों अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान भी कई मीडिया कर्मियों को जान से हाथ धोनी पड़ी थी। भारत के पत्रकार दानिश सिद्धिकी को भी तालिबान ने हत्या कर कर दी थी। 

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स के उप महासचिव जेरेमी डियर ने कहा कि मीडियाकर्मी अविश्वसनीय रूप से चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहे हैं। तालिबान के सत्ता हथियाने के बाद पत्रकारों को धमकियां मिल रही हैं। महिला पत्रकारों को काम करने से रोका जा रहा है। कई मीडिया आउटलेट बंद हो चुके हैं। काम करने की आजादी छीन चुकी है। 

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