सार
यूक्रेन-रूस विवाद (Russia-Ukraine Conflict) के चलते दुनिया में विश्व युद्ध (World war) का खतरा मंडराने लगा है। गुरुवार को यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में एक स्कूल पर बमबारी की गई। यूक्रेन ने रूस समर्थक विद्रोहियों पर यह इल्जाम लगाया है।
वर्ल्ड न्यूज डेस्क. यूक्रेन-रूस विवाद (Russia-Ukraine Conflict) के चलते दुनिया में विश्व युद्ध (World war) का खतरा मंडराने लगा है। गुरुवार को यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में एक स्कूल पर बमबारी की गई। यूक्रेन ने रूस समर्थक विद्रोहियों पर यह इल्जाम लगाया है। उधर, रूस ने भी यूक्रेन पर हमले के आरोप लगाए हैं। स्कूल पर हुई बमबारी में तीन लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, रूसी मीडिया ने अलगाववादियों के नेता लियोनिद पासेचनिक के हवाले से कहा कि यह यूक्रेनी आर्म्ड फोर्सेस ने लुहान्सक क्षेत्र में हमला किया। इन हमलों के बाद तनाव और बढ़ गया है।
60 बार सीजफायर का उल्लंघन
रूस ने यूक्रेन के पास से और अधिक टैंक और हार्डवेयर को हटाने की घोषणा की है। लेकिन इससे नहीं लगता कि वो फिलहाल युद्ध टालने की दिशा में बढ़ रहा है। जॉइंट फॉर्सेज ऑपरेशंस के मुताबिक, कल 60 बार संघर्ष विराम उल्लंघन हुआ है। नोवोज्वानिव्का को 152mm आर्टिलरी से निशाना बनाया गया है। वहीं, ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने एक मैप जारी करते हुए आशंका जताई कि रूस किस तरह से बिना कोई चेतावनी के यूक्रेन पर हमला कर सकता है। इस बीच बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर से मिलने मॉस्को पहुंचे। दोनों देश अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त कार्रवाई जैसे कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
कई देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने को कहा
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन(Joe Biden) युद्ध की आशंका के मद्दनेजर अमेरिका, भारत सहित जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, आयरलैंड, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, कनाडा, नॉर्वे, एस्टोनिया, लिथुआनिया, बुल्गारिया, स्लोवेनिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इज़राइल, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात यूक्रेन से अपने लोगों को निकाल रहा है।
यह है विवाद की मुख्य वजह
रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था। उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।
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