सार
चीन निर्मित ड्रोनों की उड़ान पर सुरक्षा चिंताओं के कारण अमेरिका ने रोक लगाने की घोषणा की है। केवल आपातकालीन उद्देश्यों में प्रयोग होने वाले ड्रोनों को उड़ाने की अनुमति दी है। वहीं, चीन ने खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश न करने की अपील की है।
वाशिंगटन. चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स को लेकर अमेरिकी सुरक्षा चिंताओं के बीच अमेरिका के गृह मंत्रालय ने अपने बेड़े के चीन निर्मित ड्रोनों की उड़ान पर रोक लगाने की घोषणा की है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता निक गुडविन ने इस निर्णय का कोई कारण नहीं बताया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री डेविड बर्नहार्ट ने जांच के आदेश दिए हैं। गुडविन ने कहा, ‘‘जांच पूरी होने तक, मंत्री ने चीन निर्मित ड्रोन या चीन निर्मित पुर्जों वाले ड्रोन की उड़ान पर रोक लगा दी है।’’
कुछ ही ड्रोनों को मिलेगी छूट
गुडविन ने कहा कि ऐसे ड्रोनों को छूट दी जाएगी, जिनका उपयोग आपातकालीन उद्देश्यों जैसे कि जंगल में आग, खोज एवं बचाव और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए किया जा रहा है।
इसके बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय के पास 810 ड्रोन बेड़ा है, जिनमें लगभी सभी चीन की कम्पनियों द्वारा निर्मित हैं।
अमेरिका ने बनाए हैं 24 ड्रोन
सूत्रों ने बताया कि केवल 24 ड्रोन अमेरिका में बने हैं लेकिन उनमें भी चीनी निर्मित पुर्जे हैं। अमेरिका के आंतरिक सुरक्षा विभाग ने मई में चीन निर्मित ड्रोन को लेकर चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि ये देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं। दुनियाभर के 70 फीसदी व्यावसायिक ड्रोन का निर्माण चीन की कंपनी डीजेआई करती है। पेंटागन ने 2017 से सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सेना के ‘डीजेआई’ निर्मित ड्रोनों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।
जासूसी के संदेह में लिया निर्णय
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ‘हुआवेई’ को चीनी सेना का समर्थन हासिल है और इसके उपकरण बीजिंग की जासूसी एजेंसियों को अन्य देशों के संचार नेटवर्क में पहुंच प्रदान कर सकते हैं। इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह ‘‘विशिष्ट स्थिति को और समझने की कोशिश कर रहा है।’’ हालांकि उसने अमेरिका से चीनी कम्पनियों के लिए ‘‘गैर-भेदभावपूर्ण माहौल मुहैया कराने की अपील भी की।’’
चीन ने अमेरिका से की अपील
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा का दुरुपयोग बंद करे, तथा-कथित चीनी खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना बंद करे और बिना किसी कारण के चीनी कम्पनियों का दमन भी बंद करे।’’ ‘डीजेआई’ की एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम बेहद निराश हैं।’’ उन्होंने कहा कि कम्पनी को अभी इस पर और कुछ नहीं कहना है।