अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मई के भारत-पाक संघर्ष में पाकिस्तान का 6 भारतीय जेट गिराने का दावा झूठा था। चीन ने इस टकराव का फायदा अपने आधुनिक हथियारों को परखने और वैश्विक बाजार में उनकी बिक्री बढ़ाने के लिए किया।

वॉशिंगटन: मई में हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष की जानकारी देते हुए अमेरिकी कांग्रेस की एक नई रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि भारत के 6 फाइटर जेट गिराने का पाकिस्तानी दावा झूठा है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने इन चार दिनों के टकराव का पूरा फायदा उठाया। यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन की रिपोर्ट बताती है कि चीन ने इस संघर्ष को अपने आधुनिक हथियारों और इंटेलिजेंस सिस्टम को परखने का मौका बनाया और इन नतीजों का इस्तेमाल पश्चिमी देशों के हथियार बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए किया।

चीनी हथियारों के लिए टेस्टिंग ग्राउंड

7 से 10 मई तक चले भारत-पाक संघर्ष में, पाकिस्तान ने चीन के JF-17 और J-10C लड़ाकू विमान, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, एयर डिफेंस सिस्टम (HQ-9, HQ-16), ड्रोन और चीन के BeiDou नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम का इस्तेमाल किया। खास बात यह है कि यह पहली बार था जब इन चीनी हथियारों का इस्तेमाल किसी असली लड़ाई में किया गया। चीन ने आखिरी बार 1970 के दशक के अंत में वियतनाम के खिलाफ युद्ध लड़ा था। उस समय उन्होंने ज्यादातर सोवियत हथियारों का इस्तेमाल किया था।

सिपरी (SIPRI) 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में हथियारों के निर्यात में चीन का हिस्सा सिर्फ 5.9% है। चीन के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि उसके हथियार युद्ध के मैदान में परखे नहीं गए थे। बीजिंग ने भारत-पाक संघर्ष के जरिए इसी कमी को दूर करने की कोशिश की।

कितने विमान गिरे?

7 मई की हवाई झड़प में कितने विमान गिराए गए, इस पर विवाद है। यह 1971 के बाद की सबसे बड़ी हवाई लड़ाई थी। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने तीन राफेल समेत पांच भारतीय विमानों को मार गिराया (बाद में यह संख्या छह कर दी गई)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आठ विमानों के गिरने का दावा किया, जबकि अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट कहती है कि तीन भारतीय लड़ाकू विमान गिराए गए थे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ये सभी राफेल विमान हों, यह जरूरी नहीं है।

फ्रांसीसी वायुसेना प्रमुख जनरल जेरोम बेलेंजर ने जुलाई में साफ किया था कि भारत के तीन विमानों का नुकसान हुआ - एक राफेल, एक रूसी सुखोई और एक मिराज 2000। हालांकि, डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा कि भारत का सिर्फ एक राफेल विमान गिरा और वह भी दुश्मन के हमले से नहीं, बल्कि तकनीकी खराबी की वजह से। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन ने पाकिस्तान का इस्तेमाल करके यह प्रचार किया कि चीनी हथियार भारत के फ्रांसीसी राफेल विमानों को गिराने में कामयाब रहे, ताकि वह अपने हथियारों की बिक्री बढ़ा सके। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान को कम से कम पांच विमानों का नुकसान हुआ।

फर्जी प्रचार

अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय राफेल विमानों के गिरने का प्रचार करने के लिए चीनी दूतावास ने AI से बनी फर्जी तस्वीरों और वीडियो गेम के सीन का इस्तेमाल किया। इसका मकसद इंडोनेशिया को राफेल विमान खरीदने से रोकना था। हालांकि, यह कोशिश नाकाम रही और इंडोनेशिया 42 राफेल विमान खरीदने के अपने फैसले पर कायम रहा। वहीं, अजरबैजान द्वारा 40 जेएफ-17 विमान और इंडोनेशिया द्वारा 42 जे-10सी विमान खरीदने का सौदा इस बात का संकेत है कि चीनी हथियारों की छवि बेहतर हुई है।