सार
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयियस ने कहा कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को कोरोना का आखिरी वैरिएंट समझना खतरनाक हो सकता है।
जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कोरोना महामारी को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को कोरोना का आखिरी वैरिएंट समझना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर महामारी से बचने के लिए बड़े पैमाने पर उपाय किए जाते हैं तो 2022 के आखिर तक यह खत्म हो सकती है। दुनियाभर में अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने से ही यह महामारी खत्म होगी।
टेड्रोस ने कहा कि भविष्य में इस तरह के हालात को रोका जा सके, इसलिए मौजूदा महामारी से सबक सीखने और नए समाधान खोजने की जरूरत है। इसके लिए हमें महामारी के खत्म होने का इंतजार नहीं करना चाहिए। पिछले हफ्ते के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हर तीन सेकंड में 100 लोग कोरोना से संक्रमित हुए। इस वायरस ने हर 12 सेकंड में एक इंसान की जान ली। 2019 में पहला केस आने के बाद से अब तक कोरोना वायरस दुनियाभर में 56 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है।
टेड्रोस ने कहा कि WHO कई महीनों से मांग कर रहा है कि गरीब देशों में वैक्सीन पहुंचाने में तेजी लाएं। संगठन ने सभी देशों से जून 2022 तक अपनी कम से कम 70% आबादी का वैक्सीनेशन करने की अपील की है। WHO के 194 सदस्य देशों में से आधे देशों ने 2021 के आखिर तक अपनी 40% आबादी को वैक्सीन लगा दी थी। इसी दौरान अफ्रीका में 85% लोगों को वैक्सीन का एक भी डोज नहीं मिला था।
आ सकते हैं और ज्यादा खतरनाक वैरिएंट
टेड्रोस ने कहा कि दुनिया को कोविड के साथ रहना सीखना होगा। ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर वैरिएंट है। इसके मामलों में विस्फोटक वृद्धि होने के बावजूद मौतों का आंकड़ा कम है। यह मानना खतरनाक होगा कि ओमिक्रॉन कोरोना का आखिरी वैरिएंट होगा या यह महामारी का आखिरी दौर है। इसके उलट दुनिया भर में कोरोना के नए वैरिएंट सामने आने का खतरा है, जो और ज्यादा घातक हो सकते हैं।
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