सार
17 मई को हर साल विश्व हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day 2022) मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य हाइपरटेंशन जैसी घातक बीमारी का पता लगाने, उसे कंट्रोल या खत्म करना है। बता दें कि दुनियाभर में 1.3 बिलियन लोग इससे जूझ रहे हैं।
World Hypertension Day 2022: विश्व हाइपरटेंशन डे हर साल 17 मई को मनाया जाता है। इसे विश्व उच्च रक्तचाप दिवस भी कहते हैं। यह दिन लोगों को हाइपरटेंशन जैसी गंभीर बीमारी के लिए जागरुक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। बता दें कि आजकल की दौड़भाग भरी जिंदगी में लोग कम उम्र में ही हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में एक बैलेंस और तनाव रहित जिंदगी जीने के लिए लोगों को जागरुक करने के मकसद से हर साल विश्व हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है।
विश्व हाइपरटेंशन डे का इतिहास :
14 मई 2005 को द वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग (WHL) की स्थापना की गई। इसके बाद 2006 से हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है। इस दिन को हाइपरटेंशन जैसी घातक बीमारी का पता लगाने, उसे कंट्रोल या खत्म करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। WHO की एक रिपेार्ट के मुताबिक दुनियाभर में करीब 1.13 बिलियन लोगों को हाइपरटेंशन की बीमारी है। दुनिया में हर चौथा आदमी हाइपरटेंशन की समस्या से जूझ रहा है।
आखिर क्या है हाइपरटेंशन :
हाइपरटेंशन (Hypertension) ब्लड प्रेशर से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रक्तचाप तय मानक से ज्यादा हो जाता है। दरअसल, धमनियों के जरिए खून को दौड़ने के लिए प्रेशर की एक निश्चित मात्रा की जरूरत होती है। कई बार खून का बहाव सामान्य से ज्यादा हो जाता है तो यह धमनी की दीवार पर ज्यादा दबाव डालता है। इसे ही हाइपरटेंशन कहते हैं।
ये हैं हाइपरटेंशन के लक्षण :
हाइपरटेंशन (Hypertension) को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। कई बार इस बीमारी से पीड़ित शख्स में किसी भी तरह के लक्षण नजर नहीं आते। लेकिन यह कार्डियोवस्कुलर सिस्टम और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। हाइपरटेंशन होने पर ज्यादा पसीना आना, घबराहट होना, अच्छे से नींद न आना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। कई बार हाइपरटेंशन के मरीजों में तेज सिरदर्द और नाक से खून भी आता है।