साइबर सेल ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में मामले के तीन आरोपियों विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक रावत की जमानत याचिकाओं का विरोध किया था। पुलिस ने आशंका जताई थी कि आरोपी जेल से बाहर आने के बाद फरार हो सकते हैं या फिर सबूतों से छेड़छाड़ भी कर सकते हैं।
पिछले हफ्ते कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए विशाल झा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि इस तरह का मामला एक विशेष समुदाय की महिलाओं को सीधे टारगेट करना और उनकी गरिमा के साथ खिलवाड़ करने का है।
दिल्ली कोर्ट ने बुली बाई ऐप के निर्माता नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज कर दी है.
आरोपी मयंक के वकील संदीप शेरखाने ने बताया कि पुलिस हिरासत खत्म होने पर श्वेता को अदालत में पेश किया गया था, जबकि कोरोना पॉजिटिव होने के कारण मयंक को पेश नहीं किया जा सका।
महाराष्ट्र पुलिस ने उत्तराखंड के रुद्रपुर से 18 साल की श्वेता सिंह को गिरफ्तार किया था। जबकि मयंक रावत की गिरफ्तारी उत्तराखंड के कोटद्वार से गिरफ्तार किया था। मयंक रावत दिल्ली के जाकिर हुसैन कॉलेज का छात्र है।
दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दरअसल, पुलिस ने बुल्ली बाई (bulli bai) एप बनाने वाले को असम से गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में यह चौधी गिरफ्तारी है।
ट्विटर यूजर का कहना है कि पुलिस बेगुनाहों को परेशान करना बंद करे, वरना बुल्ली बाई 2.0 के लिए तैयार रहे। पुलिस को शक है कि यह ट्विटर यूजर नेपाल में है और वहीं से इस गतिविधि को अंजाम दे रहा है।
दो दिन पहले बेंगलुरु से विशाल कुमार (21 साल) पकड़ा गया था। ये युवक बिहार का रहने वाला है और इंजीनियर है। इसके बाद मंगलवार को मुंबई की साइबर सेल ने मामले की मुख्य आरोपी श्वेता सिंह (18 साल) को उत्तराखंड के रुद्रपुर से हिरासत में लिया था।
पुलिस के मुताबिक, दोनों एक-दूसरे को जानते हैं। वे दोनों फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोस्त हैं। इसलिए, आसानी से दोनों लिंक होने की पुष्टि भी जांच में हो गई। ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद बुधवार को उसे मुंबई लाया जाएगा।