Chandra Grahan November 2022: हाल ही में साल का अंतिम सूर्य ग्रहण हमने देखा और अब साल का अंतिम चंद्र ग्रहण नवंबर में होना जा रहा है। ये ग्रहण भी भारत में दिखाई देगा, इसलिए यहां इसका धार्मिक और ज्योतिष महत्व माना गया है।
हम बचपन से ही सूर्य व चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022) के बारे में सुनते आ रहे हैं। प्राचीन काल से ही हमारे देश में ग्रहण से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं। जैसे ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए, सोना नहीं चाहिए आदि।
साल में एक या दो बार सूर्य व चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) होना आम बात है। ये खगोलीय घटनाएं है जो समय-समय पर होती रहती हैं, लेकिन भारत में ये घटनाएं धर्म और ज्योतिष से जोड़कर देखी जाती है इसलिए यहां इसका विशेष महत्व माना जाता है।
खगोल शास्त्रियों के अनुसार, समय-समय पर चंद्र व सूर्य ग्रहण जैसी घटनाएं होती रहती हैं। एस्ट्रोनॉमी में इस प्रकार की घटनाएं होना आम बात है। इस बार 16 मई, सोमवार को साल का पहला चंद्रग्रहण (Chandra grahan 2022) होने जा रहा है।
Chandra Grahan 2022 date and time: साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई, सोमवार को होने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन वैशाखी मास की पूर्णिमा रहेगी।
मई 2022 में साल का पहला चंद्रग्रहण होने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन वैशाख पूर्णिमा तिथि रहेगी। हालांकि ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसकी यहां किसी भी तरह की कोई मान्यता नहीं रहेगी।
ग्रहों की गति के कारण समय-समय पर सूर्य और चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022) जैसी घटनाएं होती रहती हैं। खगोलीय दृष्टिकोण से ये सामान्य घटनाएं हैं लेकिन हमारे देश में इन घटनाओं का बहुत ही खास माना जाता है और धार्मिक तथा ज्योतिषिय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भी समझा जाता है। ग्रहण से जुड़े कई नियम और परंपराएं हमारे देश में प्रचलित हैं।
साल का पहला चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022)16 मई, सोमवार को होने जा रहा है। हालांकि ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका कोई भी नियम लागू नहीं होगा।
सूर्य व चंद्रग्रहण सामान्य खगोलीय घटनाएं हैं जो समय-समय पर होती रहती हैं। लेकिन हमारे देश में इन घटनाओं का विशेष महत्व है क्योंकि यहां इस घटनाओं को ज्योतिष और धर्म से जोड़कर देखा जाता है।
सूर्य और चंद्रग्रहण होना सामान्य खगोलीय घटनाएं है। एक साल में कई बार ऐसे योग बनते हैं। पश्चिमी देशों में ये घटनाएं सामान्य हैं लेकिन भारत में इसे धर्म और ज्योतिष से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए यहां इससे जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं।