देव दिवाली पर अगर आप वाराणसी आने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो कुछ बातें आपके लिए जानना जरूरी हैं। देव दिवाली पर यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं, इसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन चुस्त-दुरुस्त इंतजाम करने जा रहा है।
Deepawali 2022: ग्रीन पटाखे (Diwali Green Crackers) अब तक के पारंपरिक पटाखों से करीब 30 प्रतिशत कम प्रदूषण फैलाते हैं। कोर्ट का आदेश है कि जिन शहरों में हवा का स्तर खराब है, वहां ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति दी जा सकती है।
देव दीपावली (Dev Deepawali) की रात शिव नगरी का नजारा देवलोक सा जगमग हो गया। 84 घाट, शहर के कुंड, हर गली, हर चौबारे, हर घर की चौखट दीयों की रौशनी से जगमग हुई।
Dev Deepawali 2022: इस बार देव दीपावली का पर्व 7 नवंबर, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन नदी, तालाब के निकट दीपदान करने की परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ये पर्व मुख्य रूप से काशी में मनाया जाता है।
मान्यता है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध की खुशी में देवताओं ने काशी में अनेकों दीए जलाए। यही कारण है कि आज भी हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर काशी में दिवाली मनाई जाती है।