ISRO ने चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है। लैंडर से बाहर निकल कर रोवर अब चांद से जुड़ी जरूरी चीजें इकट्ठी कर रहा है। दोनों अच्छी तरह काम कर रहे हैं, लेकिन अब भी खतरा पूरी तरह टला नहीं है।
ISRO Scientist Salary: इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 को उतारकर भारत का नाम दुनियाभर में रोशन किया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसरो में काम करने वाले साइंटिस्ट को हर महीने कितना वेतन मिलता है।
ISRO Next Missions. इसरो ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से पूरी दुनिया को अपना लोहा मनवा दिया है। अब भारतीय स्पेस एजेंसी अगले 6 बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इसमें सूर्य, शुक्र और मंगल ग्रहों पर लैंडिंग के अलावा और भी प्रोजेक्ट्स हैं।
इसरो (ISRO) ने शुक्रवार को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर (Pragyan rover) के बाहर आने का वीडियो शेयर किया। इसमें रोवर को लैंडर से चंद्रमा की सतह पर उतरते देखा जा सकता है।
इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) के विक्रम लैंडर की ताजी तस्वीर जारी की है। इसे चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर से लिया गया है।
इसरो के मून मिशन की सफलता के उपलक्ष्य में मध्य प्रदेश के धार जिले में एक अनोखा फैसला लिया गया है। जिले के भोज हॉस्पिटल चौराहा का नाम बदलकर चंद्रयान रखा गया है।
चंद्रमा की सतह पर हमारे चंद्रयान-3 के उतरने का रोमांच अब तमाम नौनिहालों को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित कर रहा।
भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा की धरती पर कदम रख चुका है। इसके साथ ही भारत चांद के साउथ पोल पर लैंड करने वाला दुनिया का पहला देश बन चुका है। चांद के बाद भारत अब सूरज, शुक्र और मंगल के लिए भी कई मिशन लॉन्च करने वाला है। जानते हैं इनके बारे में।
इसरो के फाउंडर चेयरमैन विक्रम साराभाई के निधन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रोफेसर सतीश धवन को चेयरमैन पद का आग्रह किया। तब उन्होंने दो बड़ी शर्तें सामने रख दीं।
भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 ने चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग कराने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन चुका है। ISRO प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चंद्रयान-3 के सबसे मुश्किल दौर को बताया।