सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर (Manipur video) में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने के मामले में संज्ञान लिया है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि आपके पास कार्रवाई के लिए थोड़ा समय है। कार्रवाई नहीं हुई तो कोर्ट द्वारा एक्शन लिया जाएगा।
बेंच ने यह टिप्पणी सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंसाल्वे को जवाब देते हुए कही। वरिष्ठ वकील कुकी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग कर रहे थे।
मणिपुर में बीते 3 मई को मैतेई और कूकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष से भड़की हिंसा लगातार जारी है। राज्य में सवा सौ लोगों से अधिक की जान चली गई है। हजारों लोग इस हिंसा की वजह से बेघर हो चुके हैं।
मणिपुर में दो महीने से जातीय हिंसा (Manipur ethnic violence) हो रही है। इसके चलते राज्य सरकार ने 10 जुलाई तक इंटरनेट बैन को बढ़ाने का फैसला किया है। राज्य में क्लास 1-8 साल तक के स्कूल फिर से खुल गए हैं।
मणिपुर (Manipur Violence) में सुरक्षा बलों ने भीड़ द्वारा IRB के कैम्प पर हमला कर हथियार लूटने की कोशिश को नाकाम कर दिया। इस दौरान हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि जातीय हिंसा रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए?
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (N Biren Singh) राज्यपाल से मिलने वाले थे। ऐसी खबरें आ रही थीं कि वह इस्तीफा दे सकते हैं।
मणिपुर हिंसा को लेकर इंडियन आर्मी ने ताजा बयान जारी किया है। सेना ने कहा है कि महिला एक्टिविस्ट जानबूझकर रास्तों को रोक रही हैं और सेना के ऑपरेशन को रोकने की कोशिश कर रही हैं।
मणिपुर के इथम गांव में सेना के जवानों ने सर्च ऑपरेशन चलाकर 12 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया था। महिलाओं की नेतृत्व वाली भीड़ से घिरने पर सेना ने सभी उग्रवादियों को छोड़ दिया।
मणिपुर हिंसा को लेकर वर्ल्ड मैतेई काउंसिल (World Meetei Council) ने नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेसवार्ता की है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मणिपुर के पूरे घटनाक्रम में मैतेई समाज के लोगों को बलि का बकरा बनाने की साजिश की जा रही है।