जन्म तिथि का हमारे जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है।, जन्म तिथि के जोड़ को मूलांक भी कहा जाता है। अकं ज्योतिष यानी न्यूमरोलॉजी इसी के आधार पर काम करता है।
संख्या शास्त्र, जिसे अंक ज्योतिष और न्यूमरॉलजी भी कहा जाता है, भविष्य जानने की एक पश्चिमी विद्या है। इसमें जन्म दिनांक के माध्यम से किसी भी व्यक्ति का मूलांक पता किया जाता है और इसी के माध्यम से भविष्य में होने वाली संभावित घटनाओं के बारे में अनुमान लगाया जाता है।
वर्तमान में दुनिया भर में भविष्य जानने की कई विधाएं प्रचलित हैं जैसे जन्म कुंडली, टैरो कार्ड, रमल ज्योतिष, कृष्ण पद्धति मूर्ति आदि। ऐसी ही एक विधा है अंक ज्योतिष जिसे न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं।
अंक ज्योतिष मूलांक से आपके जीवन को प्रभावित करता है। मूलांक आपकी जन्म तिथि होती है। जैसे अगर आप दो तारीख को पैदा हुए तो आपका मूलांक दो होगा, लेकिन अगर आप 18 या 27 को पैदा हुए हैं तो भी आपका मूलांक 9 ही होगा क्योंकि 1 और 8 जोड़ने पर और 2 और 7 को जोड़ने पर 9 ही आता है। इसी तरह सभी मूलांक निकाले जाते हैं।
न्यूमरोलॉजी में किसी व्यक्ति का शुभ अंक उस व्यक्ति के जन्मतिथि के अनुसार लगाया जाता है। जिसे मूलांक कहते हैं। मूलांक जन्मतिथि के अंकों के योग को कहा जाता है। जैसे यदि किसी व्यक्ति का जन्म 22 अप्रैल को हुआ तो तो इनके दोनों अंकों का योग 2+2=4 आता है इसे ही मूलांक कहा जाता है।
अंक ज्योतिष वास्तव में अंकों और ज्योतिषीय गणनाओं का मेल है। यानी अंकों का ज्योतिषीय तथ्यों के साथ मेल करके व्यक्ति के भविष्य की जानकारी देना ही अंक ज्योतिष कहलाती है, जिसे अंग्रेजी में न्यूमरोलॉजी कहते हैं।
अंक ज्योतिष को न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं। वास्तव में अंक ज्योतिष अंकों और ज्योतिष का मेल है। अर्थात अंकों का ज्योतिषीय तथ्यों के साथ मेल करके व्यक्ति के भविष्य की जानकारी देना ही अंक ज्योतिष कहलाता है।
न्यूमरोलॉजी यानी अंकशास्त्र भी ज्योतिष की एक विधा है। जिस तरह से कुंडली में ग्रह नक्षत्रों की स्थितियां देखकर ज्योतिष विशेषज्ञ आने वाले समय के बारे में बहुत कुछ बता देते हैं, उसी तरह अंक शास्त्र में भी भविष्य को लेकर और व्यक्ति के स्वभाव को लेकर गणना की जाती है।
अंक ज्योतिष के अनुसार, मूलांक के बारे में जन्म तिथि से जाना जा सकता है। अगर आप दो तारीख को पैदा हुए तो आपका मूलांक दो होगा, लेकिन अगर आप 18 या 27 को पैदा हुए हैं तो भी आपका मूलांक 9 ही होगा क्योंकि 1 और 8 जोड़ने पर और 2 और 7 को जोड़ने पर 9 ही आता है। इसी तरह सभी मूलांक निकाले जाते हैं।
देश-दुनिया ज्योतिष से मिलती-जुलती कई विधाएं प्रचलित हैं। अंक ज्योतिष यानी न्यूमरोलॉजी भी इनमें से एक है। अंक ज्योतिष में जन्म दिनांक को जोड़कर एक मूलांक निकाला जाता है, उसी के आधार पर व्यक्ति के भविष्य के बारे में भविष्यवाणी की जाती है।