मणिपुर के इथम गांव में सेना के जवानों ने सर्च ऑपरेशन चलाकर 12 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया था। महिलाओं की नेतृत्व वाली भीड़ से घिरने पर सेना ने सभी उग्रवादियों को छोड़ दिया।
मणिपुर हिंसा को लेकर वर्ल्ड मैतेई काउंसिल (World Meetei Council) ने नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेसवार्ता की है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मणिपुर के पूरे घटनाक्रम में मैतेई समाज के लोगों को बलि का बकरा बनाने की साजिश की जा रही है।
मणिपुर में शुक्रवार की रात उग्र भीड़ द्वारा कई जगह हिंसक घटनाओं (Manipur violence) को अंजाम देने की कोशिश की गई। भीड़ ने भाजपा नेता के घर में तोड़फोड़ की कोशिश की। सेना और RAF ने बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया।
आगजनी की खबरों के बाद क्षेत्र में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है। स्थितियों को काबू में करने के लिए सेना बुलाई गई है।
पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। इमरान खान के समर्थकों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के घर पर हमला किया है। विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 8 लोग मारे गए हैं। करीब 290 लोग घायल हुए हैं।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बताया है कि हिंसा में 60 लोगों की मौत हुई है। 231 लोग घायल हुए हैं और 1700 घरों को जला दिया गया है। सीएम ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। राहत शिविरों में भोजन और दवा का इंतजाम किया जाए। धर्म स्थलों की रक्षा के इंतजाम किए जाएं।
आदिवासियों और मेइती समुदाय के बीच हुई हिंसा को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
मणिपुर में भड़की हिंसा के बाद के बाद भारतीय सेना को बुलाया गया और सेना ने स्थिति पर नियंत्रण पाया है। इंडियन आर्मी का कहना है कि अब हालात पूरी तरह से काबू में है।
मणिपुर सरकार ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं। सेना की 55 टुकड़ियों को तैनात किया गया है। 9 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।