अंक ज्योतिष वैसे तो प्राचीन विधा है और ये भारत से ही संबंधित है लेकिन वर्तमान में इसका नया स्वरूप देखने को मिल रहा है। अंक ज्योतिष में मूलांक, जन्मांक और भाग्यांक निकालकर प्रीडिक्शन की जाती है।
अंक ज्योतिष आजकल बहुत तेजी से पूरी दुनिया में फैल रहा है। ज्योतिष की ये विधा हालांकि बहुत पुरानी है, लेकिन वर्तमान में इसका नया स्वरूप लोगों का काफी पसंद आ रहा है। अंक ज्योतिष को अंग्रेजी में न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं।
अंक राशिफल से भी आने वाले भविष्य के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। इस विधा का संबंध जन्म तारीख यानी डेट ऑफ बर्थ से है। अंक ज्योतिष को न्यूमरोलॉजी भी कहा जाता है। इसमें मूलांक यानी लकी नंबर के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है।
अंक शास्त्र को ही न्यूमरोलॉजी कहते हैं। इस विधा में जन्म तारीख के अंकों को जोड़कर मूलांक निकाला जाता है, जिसे लकी नंबर भी कहते हैं। इसी अंक के आधार पर व्यक्ति के भूत- भविष्य और वर्तमान की गणना की जाती है।
अंक ज्योतिष का अपना अलग महत्व है। वैसे तो दुनिया भर में ज्योतिष से जुड़ी कई विधाएं प्रचलित हैं, लेकिन इन सभी में अंक ज्योतिष का बहुत खास है। इस ज्योतिष विधा का मुख्य आधार डेट आफ बर्थ यानी जन्म तारीख है।
अंक ज्योतिष वैसे तो काफी प्राचीन हैं, लेकिन वर्तमान में ये एक नए रूप में प्रचलन में आया है। अंग्रेजी में इसे न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं। ये विधा अब यूरोपीय देशों में भी काफी प्रसिद्ध हो चुकी है। लोग इस विधा को काफी मानते हैं।
अंक ज्योतिष भी अन्य ज्योतिष विधाओं की तरह ही भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में बताता है। वैसे तो ये बहुत पुरानी विधा है, लेकिन वर्तमान में ये बहुत तेजी से प्रचलन में आई है। इसका मुख्य आधार डेट ऑफ बर्थ है।
अंकों से हमारा जीवन न सिर्फ आसान होता है बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी ये हमारे लिए बहुत काम के साबित होते हैं। अंकों से ही बना है अंक शास्त्र जिसे अंक ज्योतिष भी कहते हैं। अंक ज्योतिष को ही न्यूमरोलॉजी कहते हैं।
न्यूमरोलॉजी यानी अंक ज्योतिष से भी भविष्य के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है।