अयोध्या में वैशाख शुक्ल नवमी को मां सीता का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान मध्यान्ह में 12 बजते ही मंदिरों में घंटे-घड़ियाल बजने लगे। इस बीच बधाई गान कर श्रद्धालु जमकर थिरकते नजर आए।
श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। मंदिर का काम अगस्त, 2020 से शुरू हुआ है और तब से निरंतर चल रहा है। अब तक मंदिर की नींव का काम पूरा हो चुका है और अब चबूतरे को बनाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा के मुताबिक, दिसंबर 2023 तक गर्भगृह का काम पूरा हो जाएगा। वहीं मंदिर परिसर के बाकी काम को 2024 के आखिर तक पूरा करने का लक्ष्य है।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है। अगस्त, 2020 से अब तक मंदिर की मजबूत नींव का काम पूरा हो चुका है। दिसंबर, 2023 तक गर्भगृह बनकर तैयार हो जाएगा और तीर्थयात्री रामलला के दर्शन कर सकेंगे।
5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने श्रीराम जन्मभूमि का भूमि पूजन किया था। तब से अब तक करीब 2.77 एकड़ में नींव खुदाई और फाउंडेशन का काम पूरा किया जा चुका है।
अयोध्या को देश की सुंदरतम नगरी के रूप में जानी जाए इसको लेकर हर संभव प्रयास किया जा रहा है। विकास को लेकर हो रही निर्माण में कई अतिथि गृह भी बनाए जाएंगे। वहीं 40 हजार श्रद्धालुओं के लिए गेस्ट हाउस भी बनाया जाएगा।
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का जायजा लेने पहली बार लार्सन एंड टूब्रो के प्रबंध निदेशक एस एन सुब्रमण्यन पहली बार प्राइवेट हेलीकॉप्टर से पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया के सुंदर मंदिरों में राम मंदिर एक मिसाल बन सके।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति को लेकर प्रजेंटेशन भी देखा। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी वहां मौजूद रहें।
उत्तर प्रदेश के जिले अयोध्या में चैत्र नवरात्रि मेले को लेकर राम जन्मोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने की तैयारी हो रही है। मंदिरों में आयोजित हो रहे धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखलाएं पूरे रूप में हैं। शाम होते-होते समूचा मेला क्षेत्र कथा-प्रवचन व श्रीराम की स्तुतियों से गुंजायमान होने लगा है।
राममंदिर के निर्माण के लिए पत्थर तो परिसर पहुंच रहे है लेकिन इसके साथ साथ परिसर को तांबे से जोड़ा जाएगा। जिसके लिए करीब 27 टन कॉपर की प्लेट मंदिर पहुंच गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि परिसर की फर्श को पूरी तरह से जून तक तैयार कर दिया जाएगा।