MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • World News
  • इब्राहिम रईसी: सबसे खूंखार कट्टरपंथी राष्ट्रपति की कहानी...ईरानी न्यायपालिका को बनाया मौत आयोग, 5000 लोगों को दे दी थी फांसी

इब्राहिम रईसी: सबसे खूंखार कट्टरपंथी राष्ट्रपति की कहानी...ईरानी न्यायपालिका को बनाया मौत आयोग, 5000 लोगों को दे दी थी फांसी

ईरान के सबसे कट्टरपंथी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उनके मंत्री को ले जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। रविवार को हुए क्रैश के बाद राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। यह हादसा राष्ट्रपति के अजरबैजान से ईरान लौटने के दौरान हुई है। 

3 Min read
Dheerendra Gopal
Published : May 19 2024, 10:39 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
110
Image Credit : Asianet News

राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी अपने कट्टरपंथी और बेरहम फैसलों के लिए भी हमेशा से सुर्खियों में रहे हैं।

210
Image Credit : Asianet News

इब्राहिम रईसी पर दुनिया के देश कई बार प्रतिबंध लगा चुके हैं। 1988 में कैदियों की सामूहिक फांसी में शामिल रहे रईसी पर अमेरिका सहित कई देशों ने प्रतिबंध लगाया था। दरअसल, राजनीति से पहले इब्राहिम रईसी ईरान की न्यायपालिका को चलाते थे।

310
Image Credit : Asianet News

ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी द्वारा संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में किए गए संघर्ष विराम को स्वीकार करने के बाद, ईरानी विपक्षी समूह मुजाहिदीन-ए-खल्क के सदस्यों ने आश्चर्यजनक रूप से ईरानी सीमा पर धावा बोल दिया। यह लोग सद्दाम हुसैन द्वारा भारी मात्रा में उपलब्ध कराए गए हथियारों से लैस थे। हालांकि, ईरान ने उस हमले को नाकाम कर दिया। लेकिन उसके बाद मुकदमें शुरू हुए। विरोधियों को चुन चुनकर फांसी की सजा सुनाई गई।

410
Image Credit : Asianet News

एमनेस्टी इंटरनेशनल की 1990 की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 5000 लोगों को फांसी की सजा दी गई थी।

510
Image Credit : Asianet News

आरोप लगा कि रईसी ने आयोग में काम करते हुए दिखावटी मुकदमें चलाए और सबको फांसी दी। ईरान-इराक युद्ध के बाद इस आयोग को मौत आयोग के रूप में जाना गया। राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने देश की सिक्योरिटी फोर्सेस के हर प्रकार के दमनकारी नीतियों का समर्थन किया। उन्होंने देश में हर प्रकार की असहमतियों को कुचलने का समर्थन किया।

610
Image Credit : Asianet News

साल 2022 में महसा अमीनी नामक युवती ने हिजाब का विद्रोह कर दिया। देश की नैतिक पुलिस ने उसे अरेस्ट किया और जेल में प्रताड़ना से महसा अमीनी की मौत हो गई। मौत के बाद पूरे देश में महिलाओं का आंदोलन शुरू हो गया। तमाम ह्यूमन राइट्स संगठनों ने इसका समर्थन किया। देश में इस आंदोलन को दबाने के लिए फोर्स ने हर प्रकार की दमनकारी नीति अपनाई।

710
Image Credit : Asianet News

महसा अमीनी की मौत के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन को जगह जगह कुचला गया। महीनों चले इस आंदोलन से पूरा देश जल रहा था। सिक्योरिटी फोर्सेस ने आंदोलनकारियों पर सीधे गोलियां बरसाईं। इसमें कम से कम 500 लोग मारे गए। देशभर में 22 हजार से अधिक लोग हिरासत में लिए गए और प्रताड़ना-अत्याचार के शिकार हुए। लेकिन सुरक्षा बलों का इब्राहिम ने समर्थन किया। इसमें कम से कम 500 लोग मारे गए। देशभर में 22 हजार से अधिक लोग हिरासत में लिए गए और प्रताड़ना-अत्याचार के शिकार हुए। लेकिन सुरक्षा बलों का इब्राहिम ने समर्थन किया।

810
Image Credit : Asianet News

हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने एक जांच पैनल भेजा। रिपोर्ट में साफ था कि ईरान में पुलिस द्वारा महसा अमीनी को हिजाब या हेड स्कार्फ नहीं पहनने पर शारीरिक हिंसा हुई जिससे उसकी मौत हुई।

910
Image Credit : Asianet News

2017 में इब्राहिम रईसी पहली बार राष्ट्रपति चुनाव लड़े लेकिन इस बार वह उदारवादी मौलवी हसन रूहानी से हार गए। 2021 में, रायसी फिर से चुनाव लड़े। इस चुनाव में उनके सभी विरोधियों को चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। उन्हें 28.9 मिलियन वोटों में से लगभग 62% वोट मिले। हालांकि, यह इस्लामिक गणराज्य के इतिहास में प्रतिशत के हिसाब से सबसे कम मतदान था। लाखों लोग घर पर रहे और अन्य लोगों ने मतपत्र रद्द कर दिये।

1010
Image Credit : Asianet News

रईसी को ईरान के सुप्रीम लीडर 85 वर्षीय अयातुल्ला अली खामेनेई का उत्तराधिकारी भी माना जाता है।

यह भी पढ़ें:

Big News: ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर हुआ क्रैश, खराब मौसम और कोहरा से रेस्क्यू में आ रही बाधा

About the Author

DG
Dheerendra Gopal
धीरेंद्र गोपाल। 2007 से पत्रकारिता कर रहे हैं, 18 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी में काम कर रहे हैं। पूर्व में अमर उजाला से करियर की शुरुआत करने के बाद हिंदुस्तान टाइम्स और राजस्थान पत्रिका में रिपोर्टिंग हेड व ब्यूरोचीफ सहित विभिन्न पदों पर इन्होंने सेवाएं दी हैं। राजनीतिक रिपोर्टिंग, क्राइम व एजुकेशन बीट के अलावा स्पेशल कैंपेन, ग्राउंड रिपोर्टिंग व पॉलिटिकल इंटरव्यू का अनुभव व विशेष रूचि है। डिजिटल मीडिया, प्रिंट और टीवी तीनों फार्मेट में काम करने का डेढ़ दशक का अनुभव।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved