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इब्राहिम रईसी: सबसे खूंखार कट्टरपंथी राष्ट्रपति की कहानी...ईरानी न्यायपालिका को बनाया मौत आयोग, 5000 लोगों को दे दी थी फांसी
ईरान के सबसे कट्टरपंथी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उनके मंत्री को ले जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। रविवार को हुए क्रैश के बाद राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। यह हादसा राष्ट्रपति के अजरबैजान से ईरान लौटने के दौरान हुई है।
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राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी अपने कट्टरपंथी और बेरहम फैसलों के लिए भी हमेशा से सुर्खियों में रहे हैं।
इब्राहिम रईसी पर दुनिया के देश कई बार प्रतिबंध लगा चुके हैं। 1988 में कैदियों की सामूहिक फांसी में शामिल रहे रईसी पर अमेरिका सहित कई देशों ने प्रतिबंध लगाया था। दरअसल, राजनीति से पहले इब्राहिम रईसी ईरान की न्यायपालिका को चलाते थे।
ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी द्वारा संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में किए गए संघर्ष विराम को स्वीकार करने के बाद, ईरानी विपक्षी समूह मुजाहिदीन-ए-खल्क के सदस्यों ने आश्चर्यजनक रूप से ईरानी सीमा पर धावा बोल दिया। यह लोग सद्दाम हुसैन द्वारा भारी मात्रा में उपलब्ध कराए गए हथियारों से लैस थे। हालांकि, ईरान ने उस हमले को नाकाम कर दिया। लेकिन उसके बाद मुकदमें शुरू हुए। विरोधियों को चुन चुनकर फांसी की सजा सुनाई गई।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की 1990 की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 5000 लोगों को फांसी की सजा दी गई थी।
आरोप लगा कि रईसी ने आयोग में काम करते हुए दिखावटी मुकदमें चलाए और सबको फांसी दी। ईरान-इराक युद्ध के बाद इस आयोग को मौत आयोग के रूप में जाना गया। राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने देश की सिक्योरिटी फोर्सेस के हर प्रकार के दमनकारी नीतियों का समर्थन किया। उन्होंने देश में हर प्रकार की असहमतियों को कुचलने का समर्थन किया।
साल 2022 में महसा अमीनी नामक युवती ने हिजाब का विद्रोह कर दिया। देश की नैतिक पुलिस ने उसे अरेस्ट किया और जेल में प्रताड़ना से महसा अमीनी की मौत हो गई। मौत के बाद पूरे देश में महिलाओं का आंदोलन शुरू हो गया। तमाम ह्यूमन राइट्स संगठनों ने इसका समर्थन किया। देश में इस आंदोलन को दबाने के लिए फोर्स ने हर प्रकार की दमनकारी नीति अपनाई।
महसा अमीनी की मौत के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन को जगह जगह कुचला गया। महीनों चले इस आंदोलन से पूरा देश जल रहा था। सिक्योरिटी फोर्सेस ने आंदोलनकारियों पर सीधे गोलियां बरसाईं। इसमें कम से कम 500 लोग मारे गए। देशभर में 22 हजार से अधिक लोग हिरासत में लिए गए और प्रताड़ना-अत्याचार के शिकार हुए। लेकिन सुरक्षा बलों का इब्राहिम ने समर्थन किया। इसमें कम से कम 500 लोग मारे गए। देशभर में 22 हजार से अधिक लोग हिरासत में लिए गए और प्रताड़ना-अत्याचार के शिकार हुए। लेकिन सुरक्षा बलों का इब्राहिम ने समर्थन किया।
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने एक जांच पैनल भेजा। रिपोर्ट में साफ था कि ईरान में पुलिस द्वारा महसा अमीनी को हिजाब या हेड स्कार्फ नहीं पहनने पर शारीरिक हिंसा हुई जिससे उसकी मौत हुई।
2017 में इब्राहिम रईसी पहली बार राष्ट्रपति चुनाव लड़े लेकिन इस बार वह उदारवादी मौलवी हसन रूहानी से हार गए। 2021 में, रायसी फिर से चुनाव लड़े। इस चुनाव में उनके सभी विरोधियों को चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। उन्हें 28.9 मिलियन वोटों में से लगभग 62% वोट मिले। हालांकि, यह इस्लामिक गणराज्य के इतिहास में प्रतिशत के हिसाब से सबसे कम मतदान था। लाखों लोग घर पर रहे और अन्य लोगों ने मतपत्र रद्द कर दिये।
रईसी को ईरान के सुप्रीम लीडर 85 वर्षीय अयातुल्ला अली खामेनेई का उत्तराधिकारी भी माना जाता है।
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