इन दिनों भगवान शिव का प्रिय सावन (Sawan 2022) मास चल रहा है। हर कोई इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करता है ताकि उसकी परेशानियां कुछ कम हो सकें और साथ ही साथ उसकी किस्मत भी चमक जाए।
इन दिनों भगवान शिव का प्रिय सावन मास (Sawan 2022) चल रहा है। इस महीने के अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं, 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि पर ये महीने समाप्त हो जाएगा। इस महीने में हर कोई भगवान शिव की कृपा पाने के लिए अलग-अलग उपाय करता है।
Nagpanchami 2022: ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया गया है। कालसर्प योग भी इनमें से एक है। ज्योतिषियों के अनुसार, जब राहु और केतु के बीच में सारे ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प योग का निर्माण होता है।
Sawan 2022: सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं, रुद्राभिषेक भी इनमें से एक है। ये उपाय यदि सावन के सोमवार को किया जाए तो और भी अधिक शुभ फल मिलते हैं। इस बार सावन का तीसरा सोमवार 1 अगस्त को है।
इन दिनों भगवान शिव का प्रिय सावन (Sawan 2022) मास चल रहा है। इस महीने में हर दिन भगवान शिव की पूजा का महत्व है, लेकिन इस महीने में आने वाले प्रत्येक सोमवार को शिव पूजा करने से हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है, ऐसा धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
आज (31 जुलाई, रविवार) श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। इस दिन हरियाली तीज (Hariyali Teej 2022)का पर्व मनाया जाएगा। ये पर्व महिलाओं के प्रिय त्योहारों में से एक है। इस दिन महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।
ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया जाता है। कालसर्प दोष भी इनमें से एक है। कहते हैं कि ये योग जिसकी भी कुंडली में होता है, उसे अपने जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इन दिनों भगवान शिव का प्रिय सावन मास चल रहा है, जो 11 अगस्त तक रहेगा। इस महीने की प्रत्येक तिथि अपने आप में खास रहती है। इस महीने में आने वाली सभी शनिवार भी बेहद खास होते हैं। इस दिन किए गए उपाय ही शुभ फल देते हैं।
जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उन्हें अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दोष के अशुभ प्रभाव को करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। पितृ दोष के उपाय वैसे तो कभी भी किए जा सकते हैं लेकिन अमावस्या तिथि इसके लिए उपयुक्त होती है।
आज (28 जुलाई, गुरुवार) हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। ये तिथि प्रकृति से संबंधित है। इसलिए इस दिन प्रकृति के निकट जाकर उसे समझने का प्रयास करना चाहिए।