सार

Paush Purnima 2023 Upay:ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर तिथि का एक स्वामी ग्रह होता है। उस तिथि पर यदि उस ग्रह से संबंधित उपाय किए जाएं तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ग्रंथों में पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्रदेव बताए गए हैं।
 

उज्जैन. इस बार 6 जनवरी, शुक्रवार को पौष मास की पूर्णिमा है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन देवी शाकंभरी का जयंती पर्व मनाया जाता है और इसी दिन से संगम तट पर माघ मेले की शुरूआत होती है। (Paush Purnima 2023) ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा तिथि के स्वामी स्वयं चंद्रदेव हैं। इसलिए जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थिति में हो, उन्हें इस दिन कुछ खास उपाय करने चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए पूर्णिमा तिथि का महत्व और इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में…


ये है पौष पूर्णिमा का महत्व
कई धर्म ग्रंथों में पौष पूर्णिमा का महत्व बताया गया है। उसके अनुसार, इस दिन से स्वयं भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं, जिसके कारण संगम तट पर एक महीने तक माघ मेले का आयोजन किया जाता है। देवी शाकंभरी का अवतार भी इसी तिथि पर हुआ था। इस बार 6 जनवरी को पद्म, ब्रह्म और इंद्र नाम के शुभ योग दिन भर रहेंगे। इन शुभ योगों के चलते इस तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है।

सबसे तेज चलने वाला ग्रह है चंद्रमा
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रह बताए गए हैं, इनमें से सबसे तेज गति चंद्रमा की है। ये ग्रह हर ढाई दिन में राशि बदलता है। चंद्रमा हमारे मन को यानी सोचने की क्षमता को सबसे अधिक प्रभावित करता है। जब ये ग्रह किसी की कुंडली में अशुभ स्थिति में हो तो उसे कई तरह की मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चंद्रमा से शुभ फल पाने के लिए आगे बताए गए उपाय करें…

उपाय-1
पूर्णिमा तिथि की शाम को चंद्रमा के उदय होने के बाद चांदी के लोटे या अन्य किसी बर्तन में कच्चा दूध (बिना उबला) लें और चंद्रमा को देखते हुए अर्घ्य चढ़ाएं। इसमें थोड़े चावल भी मिला लें। अर्घ्य देते समय ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे चंद्रमा से संबंधित शुभ फल प्राप्त होते हैं।

उपाय-2
पूर्णिमा तिथि के स्वामी भगवान चंद्रदेव हैं। इस तिथि पर चंद्रमा से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए जैसे- दूध, चावल, शक्कर और सफेद वस्त्र आदि। ये सभी चीजें जरूरतमंद लोगों को अपनी शक्ति के अनुसार दान करें। इससे आपको चंद्रमा से संबंधित शुभ फलों की प्राप्ति संभव है।

उपाय-3
चंद्रमा भगवान शिव के आभूषण के रूप में उनके मस्तक पर विराजमान रहते हैं। पूर्णिमा तिथि पर शिवजी का अभिषेक गाय के दूध से करें। ऐसा करने से चंद्रमा का अभिषेक भी स्वत: ही हो जाएगा। साथ ही शिवलिंग का सफेद फूलों से श्रृंगार करें। ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।


 

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