सार
Mauni Amavasya 2023 Shubh Muhurat: इस बार 21 जनवरी को माघ मास की अमावस्या है। इसे मौनी अमावस्या कहते हैं। इस एकादशी का महत्व कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस मौके पर पवित्र नदियों के किनारे धार्मिक मेलों का आयोजन किया जाता है।
पंचांग के अनुसार एक साल में 12 अमावस्या होती हैं। इन सभी का अलग-अलग नाम और महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) भी इनमें से एक है। इस बार 21 जनवरी, शनिवार को मौनी अमावस्या का संयोग बन रहा है। मौनी अमावस्या शनिवार को होने से ये शनिश्चरी अमावस्या भी कहलाएगी। मौनी अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करने और जरूरतमंदों को दान करने का विशेष महत्व है। आगे जानिए इस बार मौनी अमावस्या पर कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं और इस दिन के शुभ मुहूर्त के बारे में…
मौनी अमावस्या के शुभ मुहूर्त (Mauni Amavasya 2023 Shubh Muhurat)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 21 जनवरी, शनिवार को सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06.30 से 07.14 मिनट तक रहेगा यानी मात्र 44 मिनिट। हर्षण योग दोपहर 02.34 तक। ये दोनों मुहूर्त ही मुहूर्त स्नान-दान, पूजा-पाठ व अन्य उपायों के लिए श्रेष्ठ रहेंगे।
मौनी अमावस्या पर दुर्लभ संयोग (Mauni Amavasya 2023 Shubh Yog)
21 जनवरी, शनिवार को अमावस्या तिथि सुबह 06:17 से रात 02:23 तक रहेगी। शनिवार को अमावस्या होने से ये शनिश्चरी अमावस्या कहलाएगी। इसके पहले मौनी और शनिश्चरी अमावस्या का संयोग 20 साल पहले 1 फरवरी 2003 को बना था और अब ऐसा संयोग 6 फरवरी 2027 में बनेगा। मौनी अमावस्या पर इस बार हर्ष, वरिष्ठ, सत्कीर्ति और भारती नाम के 4 राजयोग भी बन रहे हैं। मौनी अमावस्या शनिवार को होना और इस दिन इतने सारे राजयोग बनना अपने आप में एक दुर्लभ संयोग है।
क्या करें मौनी अमावस्या पर? (Mauni Amavasya Par Kya Kare)
1. धर्म ग्रंथों के अनुसार, मौनी अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करने के बाद तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आँवला, वस्त्र आदि चीजों का दान जरूरतमंदों का करना चाहिए।
2. मौनी अमावस्या पर शीत ऋतु का प्रभाव अधिक रहता है। इसलिए इस दिन चौराहों पर या ऐसे स्थानों पर अग्नि की व्यवस्था करना चाहिए, जहां मजदूर वर्ग के लोग इकट्ठा होते हों। संभव हो तो उन्हें कंबल आदि वस्त्र दान भी करना चाहिए।
3. मौनी अमावस्या पर गुड़ में काला तिल मिलाकर लड्डू बनाना चाहिए तथा उसे लाल वस्त्र में बाँधकर किसी योग्य ब्राह्मण को देना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और ग्रहों के दोष दूर होते हैं।
4. अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं, इसलिए इस दिन स्नान-दान के अलावा पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि करने का भी विशेष महत्व है।
5. मौनी अमावस्या पर देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए। इस दिन लक्ष्मीजी और विष्णुजी का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें।
6. हनुमानजी को तेल और सिंदूर चढ़ाएं। दीप जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। इस उपाय से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।
7. कालसर्प दोष की शांति के लिए भी मौनी अमावस्या को बहुत विशेष माना गया है। इस दिन चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा नदी में प्रवाहित करें।
8. मौनी अमावस्या की सुबह स्नान आदि करने के बाद नवनाग स्त्रोत का पाठ करें। इससे भी कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है।
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