इस बार 5 अप्रैल, मंगलवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi 2022) का योग बन रहा है। मंगलवार को चतुर्थी तिथि होने से ये अंगारक चतुर्थी (Angarak Chaturthi 2022) कहलाएगी।
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) का पर्व 2 अप्रैल, शनिवार से शुरू हो चुका है, जो 10 अप्रैल, रविवार तक रहेगा। इन 9 दिनों में रोज देवी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी। इस दौरान हर कोई माता की कृपा पाने के लिए अलग-अलग उपाय करेगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में 4 नवरात्रि मनाई जाती है। इनमें से 2 गुप्त नवरात्रि होती है और 2 प्रकट। साल की सबसे पहली नवरात्रि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाई जाती है। चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) से ही हिंदू नववर्ष का आरंभ भी होता है। इस बार चैत्र नवरात्रि 2 से 10 अप्रैल तक मनाई जाएगी।
आज (1 अप्रैल, शुक्रवार) चैत्र मास की स्नान-दान अमावस्या (Amavasya 2022) है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ये तिथि बहुत ही खास होती है इसलिए इसे पर्व यानी त्योहार माना गया है। इस दिन तीर्थ पर स्नान कर दान करने का विशेष महत्व है। ऐसा करे से ग्रहों से संबंधित शुभ फल मिलते हैं और चंद्रमा का दोष समाप्त होता है।
वर्तमान समय में परिवार के बड़े-बुजुर्गों को वो आदर-सम्मान नहीं मिल पाता, जिसके वो हकदार होते हैं। उन्हें किसी अनुपयोगी वस्तु की तरह समझा जाता है। उनकी बातों पर गौर नहीं किया जाता।
हिंदू धर्म में अमावस्या (Amavasya 2022) को बहुत ही खास तिथि माना गया है। इस तिथि को पर्व यानी उत्सव कहा जाता है। इस तिथि को स्वामी पितृ देवता हैं। इस बार चैत्र मास पर एक नहीं बल्कि दो दिन अमावस्या तिथि रहेगी।
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार, जब भी कोई ग्रह अशुभ स्थिति में आता है तो उससे संबंधित संकेत विभिन्न माध्यमों में हमें मिलने लगते हैं जैसे अचानक कोई बीमारी हो जाती है या लगातार धन हानि होने लगती है। कोई कीमती चीज गुम हो जाती है आदि।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ व्रत व पूजा की जाती है। इसे प्रदोष व्रत (Mangal Pradosh 2022) कहते हैं। इस बार 29 मार्च, मंगलवार को चैत्र कृष्ण त्रयोदशी तिथि होने से मंगल प्रदोष का योग इस दिन बन रहा है।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 28 मार्च, सोमवार को है। इस बार एकादशी तिथि रविवार की शाम से शुरू हो जाएगी और सोमवार को सूर्योदय के वक्त रहते हुए शाम तकरीबन साढ़े 4 बजे तक रहेगी।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि को देवी शीतला की पूजा (Sheetla Puja 2022) की जाती है। इसे शीतला सप्तमी और अष्टमी कहा जाता है। इस बार शीतला सप्तमी 24 मार्च, गुरुवार (Sheetala Saptami 2022) को और शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami 2022) 25 मार्च, शुक्रवार को है।