ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलवार को जब सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में या एक-दूसरे के पास वाली राशि में स्थित होते हैं तो भौमावस्या का योग बनता है। इस बार ये योग माघ मास की मौनी अमावस्या पर 1 फरवरी को बन रहा है। इस दिन मंगल अपनी मित्र राशि में स्थित रहेगा। जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या होती है। इस तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। वैसे तो साल में 12 अमावस्या आती है, लेकिन कभी-कभी तिथियों की घट-बड़ के कारण इनकी संख्या बढ़ जाती है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।
भारत में कोरोना मामलों में गिरावट पर WHO की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की रिजनल डायरेक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह (Poonam Khetrapal Singh) ने कहा कि खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए लोगों को कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व बताया गया है। हर महीने के कृष्ण पक्ष के अंत में ये तिथि आती है। इस तरह साल में कुल 12 अमावस्या तिथि होती है, लेकिन कई बार तिथियों की घट-बढ़ के कारण इनकी संख्या बढ़ जाती है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।
29 जनवरी, शनिवार को माघ मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी है। इसे तिल द्वादशी (Til Dwadashi 2022) कहते हैं। इस दिन तिल का सेवन, दान और हवन करने की परंपरा है। पुराणों में द्वादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान बताया गया है।
जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा रहता था। कुछ लोग परेशानियों से बाहर निकलने की कोशिश करते हैं तो कुछ इसे भाग्य के भरोसे छोड़ देते हैं। कई बार ऐसी स्थिति भी बन जाती है कि एक साथ की परेशानी हमारे सामने आकर खड़ी हो जाती है।
हर महीने के कृष्ण पक्ष के अंत में अमावस्या तिथि आती है। हिंदू धर्म में इसे पितरों का दिन कहा जाता है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। इस बार अमावस्या तिथि 1 नहीं 2 दिन रहेगी।
28 जनवरी, शुक्रवार को माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है, इसे षट्तिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2022) कहा जाता है। इस तिथि पर तिल से संबंधित शुभ काम करने की परंपराएं हैं। षट्तिला एकादशी पर पानी में काले तिल डालकर स्नान करना चाहिए।
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2022) कहते हैं। धार्मिक दृष्टि से यह तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर स्नान और दान करने का विशेष महत्व माना गया है।
इस बार 28 जनवरी, शुक्रवार को माघ मास की एकादशी का योग बन रहा है। इसे षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2022) कहते हैं। ये तिथि भगवान विष्णु को प्रिय है और दिन यानी शुक्रवार को देवी लक्ष्मी से संबंधित माना जाता है।