सार
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या होती है। इस तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। वैसे तो साल में 12 अमावस्या आती है, लेकिन कभी-कभी तिथियों की घट-बड़ के कारण इनकी संख्या बढ़ जाती है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।
उज्जैन. इस बार माघ मास की अमावस्या 2 दिन यानी 31 जनवरी और 1 फरवरी को रहेगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 31 जनवरी को श्राद्ध अमावस्या और 1 फरवरी को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2022) का योग बन रहा है। मौनी अमावस्या पर मौन रहकर दान-पुण्य और पूजा-पाठ करने की परंपरा है। मौनी अमावस्या का धर्म ग्रंथों में विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन कुछ खास उपाय करने से परेशानियां कम हो सकती हैं और लाइफ में सुख-समृद्धि बनी रहती है। जानिए इस दिन कौन-कौन से उपाय करने चाहिए…
1. ग्रहों से संबंधित दोष करने के लिए मौनी अमावस्या पर जरूरतमंद लोगों को और किसी मंदिर में धन व अनाज का दान करें। गौशाला में हरी घास और धन दान करें।
2. अमावस्या पर पितरों के लिए दान-पुण्य और धूप-ध्यान करें। किसी नदी में तर्पण आदि शुभ कर्म करें।
3. अमावस्या पर देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा जरूर करनी चाहिए। इस तिथि पर लक्ष्मीजी और विष्णुजी का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। पूजा में तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं।
4. शिवलिंग का जलाभिषेक करें। बिल्व पत्र, धतूरा के साथ ही अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। धूप-दीप जलाकर ऊँ नम: मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
5. हनुमानजी को तेल और सिंदूर चढ़ाएं। दीप जलाकर सुंदरकांड का पाठ करें। अगर समय अभाव है तो हनुमान चालीसा का पाठ करें।
6. कालसर्प दोष की शांति के लिए चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा नदी में प्रवाहित करें या शिवलिंग पर चढ़ाएं।
7. मौनी अमावस्या की सुबह स्नान आदि करने के बाद नवनाग स्त्रोत का पाठ करें। इससे भी कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है।
8. मौनी अमावस्या पर नवनाग स्त्रोत का पाठ कम से कम 108 बार करें। ऐसा करने से कालसर्प दोष के अशुभ प्रभाव में कमी आ सकती है।
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