विदेश मंत्री ने एक इंटरव्यू के दौरान बोल्ट स्टेटमेंट देते हुए कहा कि भारत में मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति पहले हावी थी। यहां तक कि भारत की विदेश नीति भी पहले मुस्लिम तुष्टिकरण से प्रभावित दिखती थी।
पुणे में आयोजित सेमिनार में भारत के एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर एस जयशंकर ने कहा कि भारत 2014 के बाद से बदल रहा है। ऐसे में आतंकवाद से निपटने के लिए सारे नियम फॉलो करें ये जरूरी नहीं है।
डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि यह आलोचना, पश्चिमी मीडिया के दोहरे मानदंडों और लोकतंत्र पर उनके एकाधिकार को उजागर किया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा है कि कनाडा में आतंकियों को पनाह दिया जा रहा है। भारत सरकार ने कई आतंकी नेताओं के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया, लेकिन उसपर एक्शन नहीं लिया गया।
संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री जयशंकर का यह बयान, कनाडा के उन आरोपों के बीच आया है जिसमें पीएम जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया है कि जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में दिल्ली के एजेंट शामिल थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि जिस वक्त चंद्रयान-3 की लांचिंग की जा रही थी, उस वक्त पीएम मोदी ब्रिक्स समिट में शामिल हो रहे थे। जैसे-जैसे लांचिंग की टाइमिंग नजदीक आती गई, वहां की चर्चा भी चंद्रयान पर केंद्रित हो गई।
जयशंकर ने कहा कि विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में मेरे बयान को बार-बार बाधित किया। उनके लिए राष्ट्रीय प्रगति से ज्यादा महत्वपूर्ण पक्षपातपूर्ण राजनीति थी।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अब आतंकवाद की दुनिया की समझ पहले के समय की तुलना में बेहतर है। दुनिया अब इसे बर्दाश्त नहीं कर रही है। आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाले देश दबाव में हैं।
भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि हाल के दिनों में डिजिटल टेक्नोलॉजी ने फूड सेफ्टी नेट को एडवांस किया। 300 बिलियन डॉलर से अधिक लाभ डिजिटल रूप डिस्ट्रीब्यूट किए जा रहे हैं। जबकि 400 मिलियन से अधिक लोगों को नियमित रूप से भोजन मिल रहा है। उन्होंने बताया कि दो बिलियन से अधिक वैक्सीनेशन किया जा चुका है।
मैंने अपने समकक्ष मंत्री जयशंकर से बात की है और भारत को रूस के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रोत्साहित किया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि हम इसे संप्रभुता के उल्लंघन के रूप में देखते हैं। हर देश जो स्वतंत्रता और लोकतंत्र में विश्वास करता है, उसे पूरी तरह से घृणा करनी चाहिए।