सार

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अब आतंकवाद की दुनिया की समझ पहले के समय की तुलना में बेहतर है। दुनिया अब इसे बर्दाश्त नहीं कर रही है। आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाले देश दबाव में हैं।

S Jaishankar's IT-versus-IT swipe: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि दुनिया अब आतंकवाद को प्रश्रय देने वालों को समझ चुकी है। अब वैश्विक स्तर पर कहीं भी आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है। उन्होंने पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत की आईटी और पाकिस्तान की आईटी से अलग है। भारत सूचना प्रौद्योगिकी (information technology) का विशेषज्ञ है जबकि पाकिस्तान इंटरनेशनल टेररिज्म (international terrorism) का विशेषज्ञ। दोनों देशों की आईटी विशेषज्ञता में जमीन आसमान का अंतर है।

दुनिया अब आतंकवाद को नहीं कर रही बर्दाश्त

गुजरात के वडोदरा पहुंचे विदेश मंत्री एस.जयशंकर एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अब आतंकवाद की दुनिया की समझ पहले के समय की तुलना में बेहतर है। दुनिया अब इसे बर्दाश्त नहीं कर रही है। आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाले देश दबाव में हैं। उन्होंने कहा कि यह (भारत के खिलाफ आतंकवाद) वर्षों से चल रहा है। लेकिन अब हम दुनिया को समझाने में कामयाब हुए हैं कि आतंकवाद किसी भी देश के लिए सही नहीं है। कोई भी देश इससे प्रभावित हो लेकिन इसका प्रभाव वैश्विक है। आज भारत इसे झेल रहा है कल दूसरे झेलने को मजबूर होंगे। इसलिए इसका मुकाबला मिलकर करना होगा। जो आतंकवाद को प्रश्रय दे रहे हैं उनकी खिलाफ मिलकर करनी होगी।

अमेरिका-पाकिस्तान की दोस्ती किसी के लिए फायदेमंद नहीं

जयशंकर ने कहा कि हाल ही में वह संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न मीटिंग्स में सम्मिलित हुए। अमेरिका में भी विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल रहे। इस दौरान कई बार उनके सामने पाकिस्तान-अमेरिका के बीच संबंधों को लेकर सवाल होते रहे। जयशंकर ने कहा कि उनका मानना है कि अमेरिका-पाकिस्तान के संबंध किसी के लिए भी हितकर नहीं है। उन्होंने अमेरिका से पाकिस्तान द्वारा खरीदे गए एफ-16 लड़ाकू विमानों के पैकेज के बारे में कहा कि यह न तो पाकिस्तान की अच्छी तरह से सेवा कर रहा है और न ही अमेरिकी हितों की सेवा कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह सब आतंकवाद विरोधी सामग्री है। लेकिन यह पूरी दुनिया जानती है कि आप इसका कहां और कैसे इस्तेमाल करेंगे। ऐसे में पाकिस्तान किसी को बेवकूफ नहीं बना सकता है। उन्होंने बताया कि पिछले डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने एफ-16 के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर के कार्यक्रम को अवरुद्ध कर दिया था, जिसे पाकिस्तान ने दशकों पहले खरीदा था। 

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