ज्योतिष में कुल नौ ग्रह बताए गए हैं और इन नौ ग्रहों में सूर्य का महत्व काफी अधिक है, क्योंकि ये ग्रहों का राजा है।
कैंसर एक ऐसा रोग है जिसका नाम सुनते ही अच्छे-अच्छों के पसीने छुटने लगते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहों की विशेष युति के कारण भी किसी व्यक्ति को कैंसर जैसा भयानक रोग होता है।
मृत्यु एक अटल सत्य है। कोई इसे बदल नहीं सकता। कब, किस कारण, किसकी मौत होगी, यह कोई भी नहीं कह सकता। कुछ लोगों की मृत्यु कम उम्र में ही हो जाती है, ऐसी मृत्यु को अकाल मृत्यु कहते हैं।
हर इंसान की जन्म कुंडली उसके पूरे जीवन के बारे में कुछ न कुछ संकेत देती ही है। इसी तरह अगर किसी की कुंडली में दुर्घटना योग होते हैं तो अक्सर उनके साथ दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कई बार ये लोग बहुत ही सावधानी पूर्वक वाहन चलाते हैं फिर भी इनके साथ ही दुर्घटना होती रहती है। दुर्घटना के इन योगों से बचने के लिए ज्यातिष में कुछ उपाय भी बताए गए हैं। जानिए कुछ ऐसे ही खास उपायों के बारे में....
भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मोरयाई छठ का व्रत रखा जाता है। इसे मोर छठ या कुछ स्थानों पर सूर्य षष्ठी व्रत भी कहते हैं। इस बार यह व्रत 4 सितंबर, बुधवार को है।
तिलक लगाने से हमारी बहुत-सी समस्याओं का अंत हो सकता है साथ ही ग्रहों के दोष भी दूर हो सकते हैं। वार के अनुसार अगर रोज अलग-अलग तिलक लगाया जाए तो बहुत से फायदे हो सकते हैं।
आज के समय में विवाह में देरी होना एक आम समस्या हो गई है। इसके कई कारण हो सकते हैं। सबसे बड़ा जो कारण है वो है ग्रहों की प्रतिकूल दशा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह शीघ्र होना या देरी से आपकी कुंडली पर निर्भर करता है।