सार
कैंसर एक ऐसा रोग है जिसका नाम सुनते ही अच्छे-अच्छों के पसीने छुटने लगते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहों की विशेष युति के कारण भी किसी व्यक्ति को कैंसर जैसा भयानक रोग होता है।
उज्जैन. वर्तमान समय में कैंसर लाइलाज नहीं है, लेकिन कुछ ही भाग्यशाली लोग इस भयानक रोग से बच पाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहों की विशेष युति के कारण भी किसी व्यक्ति को कैंसर जैसा भयानक रोग होता है। जन्म कुंडली देखकर कैंसर के पीछे के वास्तविक कारणों को जाना जा सकता है। ज्योतिषियों का तो यह भी कहना है कि यदि समय रहते प्रतिकूल ग्रहों के मंत्रों एवं अन्य उपाय किए जाएं तो कैंसर जैसे रोग से काफी हद तक बचाव हो सकता है।
राहु-केतु के कारण हो सकता है कैंसर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु-केतु जिन भावों में होते हैं, उनसे संबंधित अंगों में कैंसर की आशंका होती है। इसके अतिरिक्त इनकी जिन ग्रहों से युति हो उनसे संबंधित अंगों में भी कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। इनके अलावा भी जन्म कुंडली में कुछ दोष होने पर कैंसर हो सकता है।
1. जिन लोगों की कुंडली में लग्नेश अस्त होता है, उन्हें कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।
2. शनि, मंगल, राहु एवं केतु की युति छठे, आठवे या बारहवें भाव में हो तो कैंसर होने की संभावना होती है।
3. छठे, आठवे या बारहवे भाव पर पाप ग्रहों की दृष्टि का प्रभाव होने से भी कैंसर होने की आशंका होती है।
4. लग्न में पाप ग्रहों की उपस्थिति अथवा उस पर पाप ग्रहों का दृष्टि प्रभाव हो तो ऐसे व्यक्ति को कैंसर होने की संभावना रहती है।
5. लग्नेश यदि निर्बल होकर छठे, आठवे या बारहवे भाव में स्थित होकर पाप ग्रहों के प्रभाव में हो तो भी कैंसर होने की आशंका होती है।
6. त्रिकेश (छठे, आठवे व बारहवे भाव का स्वामी) का लग्न-लग्नेश से संबंध हो तो भी कैंसर हो सकता है।
7. जिसकी कुंडली में चंद्रमा से पाप ग्रहों की युति अथवा दृष्टि संबंध हो तो उसे कैंसर होने की आशंका अधिक रहती है।
8. चंद्रमा का त्रिक भाव में होना और उस पर पाप ग्रहों की दृष्टि पड़ना या पाप ग्रहों की युति होने से भी कैंसर होने की संभावना रहती है।
9. छठे, आठवे या बारहवे भाव के स्वामियों का परस्पर स्थान परिवर्तित होना तथा उसका संबंध लग्नेश से होने पर कैंसर होने की आशंका रहती है।
ये उपाय करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में स्थित जिन ग्रहों के कारण कैंसर होने की संभावना बन रही है, उन ग्रहों से संबंधित ज्योतिषिय उपाय करें व उन ग्रहों के जप पूर्ण विधि-विधान से करें। उपरोक्त उपाय करने से कैंसर होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं अथवा कैंसर होने पर भी इसका समुचित उपचार हो जाता है।