आज (1 सितंबर, गुरुवार) भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी और षष्ठी तिथि का संयोग बन रहा है। गुरुवार को स्वाती नक्षत्र होने से स्थिर नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा ब्रह्म और इंद्र नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे।
आज (17 जुलाई, रविवार) श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। रविवार को पहले शतभिषा नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग और उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से चर नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। साथ ही इस दिन सौभाग्य और शोभन नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे।
अंक शास्त्र में 1 से 9 तक के प्रत्येक अंकों को 9 ग्रहों का प्रतिरूप माना जाता है यानी ये सभी अंक किसी न किसी ग्रह से प्रभावित होते हैं। जन्मतिथि के अंकों को जोड़कर एक मूलांक निकाला जाता है, उसी का प्रभाव जीवन भर उस व्यक्ति पर देखा जाता है।
अंक ज्योतिष में अंकों की मदद से व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी दी जाती है। अंग्रेजी में इसे न्यूमेरोलॉजी कहते हैं। अंक ज्योतिष में व्यक्ति की जन्म तिथि के आधार पर मूलांक निकालकर उसके भविष्य फल की गणना की जाती है और परेशानियों के उपाय भी बताए जाते हैं।
टैरो कार्ड में भविष्य में होने वाली घटनाओं का आंकलन और समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाता है। टैरो कार्ड को प्रश्न शास्त्र की तरह से प्रयोग किया जाता है। इसमें पूछे गए प्रश्न के अनुसार उत्तर देने के लिए तीन कार्ड निकाले जाते हैं और फिर कार्ड्स पर अंकित चित्रों में छुपे संकेतों से उत्तर दिया जाता है।
आज आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। मंगलवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से धाता नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। त्रिपुष्कर नाम का एक अन्य शुभ योग भी इस दिन बन रहा है।
आज (26 मई, गुरुवार) ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे अचला एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाएगी। इस दिन सूर्योदय रेवती नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा।
अंक ज्योतिष में जन्म तारीख से मूलांक और भाग्यांक के बारे में आसानी से जाना जा सकता है। भाग्यांक का अर्थ है वह नंबर जिससे आपका भाग्य आपका साथ दे अर्थात भाग्य को खोल देने वाला अंक। प्रत्येक 1 से लेकर 9 तक के अंक किसी न किसी ग्रह से जुड़े होते हैं जिससे भविष्यवाणी करने मे सहायता मिलती है।
ज्योतिष शास्त्र की कई शाखाएं हैं। अंक शास्त्र भी इनमें से एक है। जिस तरह जन्म कुंडली में ग्रहों के आधार पर भविष्य का आंकलन किया जाता है, उसी तरह अंक शास्त्र में जन्म तारीख को आधार बनाकर किसी भी व्यक्ति के भूत-भविष्य और वर्तमान में जाना जा सकता है।