बेटे को डॉक्टर बनाने सबकुछ बेचकर उसे चीन भेजा..लेकिन उसी देश की फैलाई बीमारी ने दुनिया उजाड़ दी

Jul 29 2020, 09:26 AM IST

एक पिता ने अपने बेटे को इसलिए डॉक्टर बनाया था, ताकि वो लोगों की सेवा कर सके। बेटे को MBBS कराने पिता ने जिंदगीभर जो कुछ कमाया-जोड़ा..सब उसकी पढ़ाई-लिखाई पर खर्च कर दिया। अब वो बेटे के लिए लड़की ढूंढ रहा था, लेकिन इससे पहले ही जिंदगी में कोरोना ने दस्तक दे दी और सबकुछ बिखर गया। यह कहानी 27 साल के डॉ. जोगिंदर की है। वे नई दिल्ली के डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे थे। 23 जून को उन्हें बुखार आया। मालूम चला कोरोना है। फिर 27 जुलाई को उनकी मौत हो गई। पिता को बेटे की मौत को गहरा सदमा बैठा है।

अमेरिका ने चीन के विरुद्ध शीतयुद्ध की घोषणा की, लेकिन भारत किसी गुट में क्यों शामिल हो, वैदिक

Jul 25 2020, 06:35 PM IST

वरिष्ठ पत्रकार  डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने लिखा कि अमेरिका ने चीन के विरुद्ध अब बाकायदा शीतयुद्ध की घोषणा कर दी है। ह्यूस्टन के चीनी वाणिज्य दूतावास को बंद कर दिया है। चीन ने चेंगदू के अमेरिकी दूतावास का बंद करके ईंट का जवाब पत्थर से दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपिओ चीन पर लगातार हमले कर रहे हैं। उन्होंने अपने ताजा बयान में दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों से आग्रह किया है कि वे चीन के विरुद्ध एकजुट हो जाएं। भारत से उनको सबसे ज्यादा आशा है, क्योंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और गालवान घाटी के हत्याकांड ने भारत को बहुत परेशान कर रखा है। नेहरु और इंदिरा गांधी के जमाने में यह माना जाता था कि एशिया, अफ्रीका और लातीनी अमेरिका के देशों याने तीसरी दुनिया के देशों का नेता भारत है। उन दिनों भारत न तो अमेरिकी गठबंधन में शामिल हुआ और न ही सोवियत गठबंधन में। वह गठबंधन-निरपेक्ष या गुट-निरपेक्ष ही रहा।