गलवान घाटी के बाद अब पैंगोंग झील में हुई भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। चीन की हरकतों के मद्देनजर भारत ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब भारत कूटनीतिक बातचीत के साथ साथ एलएसी पर चीन के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाएगा।
पूर्वी लद्दाख में LAC पर भारत और चीन सीमा के सैनिकों के बीच एक बार फिर झड़प हुई है। बताया जा रहा है कि चीनी सेना PLA के सैनिकों ने पहले बनी सहमति का उल्लंघन करते हुए पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो इलाके में चीनी सैनिकों को घुसने से रोका।
15 जून को लद्दाख के गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। इसी बीच भारत ने अपने फ्रंटलाइन युद्धपोत को साउथ चाइना सी में तैनात किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हाल ही दोनों देशों के बीच हुई सैन्य स्तर की बैठक में चीन ने भारत के इस कदम का विरोध भी जताया था।
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस खूनी झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 40 सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अपने सैनिकों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
भारत और चीन सीमा विवाद जारी है। इस बीच लाइन ऑफ एक्चु्अल कंट्रोल यानी एलएसी के आसपास 5 जी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना शुरू कर दिया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पैंगॉन्ग सो झील के पास सैनिकों के लिए बैरकों के अलावा अन्य निर्माण भी कर रहा है।
अमेरिका और चीन के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब चीन ने आरोप लगाया है कि अमेरिका के 2 एडवांस जासूसी विमानों ने पिछले दिनों उसकी सीमा में घुसकर मिलिट्री ड्रिल रिकॉर्ड की है। घटना उत्तरी चीन में हुई।
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ नई साजिश रची है। दरअसल, चीन और पाकिस्तान मिलकर जैविक हथियार बनाने में जुटे हैं। इतना ही नहीं इस खतरनाक मंसूबों को चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की आड़ में दिया जा रहा है।
भारत और चीन के बीच विवाद को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने सोमवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, अगर चीन के साथ बातचीत सफल नहीं होती तो सैन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। एलएसी पर चीन लगातार उकसावे वाली हरकत कर रहा है। दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसका हल नहीं हुआ है।
एएनआई के मुताबिक, हम चीन के शिनजियांग प्रांपत और तिब्बत क्षेत्र में स्थित PLAAF के होटन, गार गुंसा, काशगर, होप्पिंग, कोंका जोंग, लिंजी और पंगट एयरबेसों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।