विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही कांग्रेस में मनमुटाव बढ़ गया है। कई बड़े नेता सिद्धू से खफा हैं और वे उन्हें पसंद नहीं करते। वहीं, सिद्धू प्रधान बनने नए-नए तरकीब निकालने में जुटे हैं। पार्टी में एक के बाद एक बयानबाजी भी सामने आज रही है।
हालांकि, सिद्धू का ये बयान अंदरखाने के विवाद पर भले विराम लगाने की कोशिश करने वाला हो। लेकिन, ये विवाद फिलहाल थमा नहीं है। खुद सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर और फिर उनकी बेटी राबिया सिद्धू के बयानों ने साफ कर दिया है कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है।
जसबीर सिंह डिंपा, खडूर साहिब विधानसभा क्षेत्र से दो बार के विधायक रमनजीत सिंह सिक्की को टिकट दिया जाने से नाराज हैं। वे अपने बेटे उपदेश गिल के लिए पार्टी टिकट की मांग रहे थे। उन्होंने उसका प्रचार भी शुरू कर दिया था। लेकिन पार्टी ने उनकी सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया।
हरीश रावत को भी इस बात के संकेत मिल गए थे कि उनकी छुट्टी हो सकती है। इसी वजह से वह कई बार पंजाब प्रभारी पद की इच्छा जताते रहे। इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनावी कैंपेन की बात कही।
उत्तराखंड में अगले साल चुनाव को देखते हुए यहां पर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। गुरुवार को कांग्रेस पार्टी ने यहां पर अपने विभिन्न पदाधिकारियों की घोषणा की थी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी का हर फैसला उनको मंजूर है। सब मिलकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने पार्टी में किसी प्रकार के कलह से इनकार किया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों और बाकियों से आज राहुल गांधी मिलेंगे। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है, इससे पहले वहं कलह सामने आने के बाद हाईकमान लगातार सक्रिय है।