अंक शास्त्र का प्रयोग मिस्र में आज से तक़रीबन 10,000 वर्ष पूर्व से किया जाता आ रहा है। मिस्र के मशहूर गणितज्ञ पाइथागोरस ने सबसे पहले अंको के महत्व के बारे में दुनिया को बताया था। भारत में प्रचीन ग्रंथ स्वरोदम शास्त्र के ज़रिये अंक शास्त्र के विशेष उपयोग के बारे में बताया गया है।