बिहार मदरसा बोर्ड के चेयरमैन अब्दूल कय्यूम अंसारी के बारे में एक न्यूज पोर्टल ने दावा किया कि वो दिल्ली के तब्लीगी मरकज में शामिल हुए थे। इस सूचना के प्रसारित होने के बाद मेडिकल टीम फुलवारीशरीफ स्थित उनके घर सैंपल लेने पहुंची।
75 सीटों वाले बिहार विधान परिषद में 17 सदस्यों का कार्यकाल 6 मई, 2020 में पूरा हो रहा है।विधान परिषद की रिक्त होनेवाली सीटों में से विधानसभा कोटे से नौ, जबकि स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की चार और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की चार सीटें शामिल हैं।
पूरे देश के साथ-साथ बिहार में भी कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। हालांकि बिहार में संक्रमण फैलने की रफ्तार अन्य राज्यों से कम है। गुरुवार को राज्य में कोरोना के छह नए पॉजिटिव मिले। जिन्हें मिलाकर अबतक राज्य में कुल 30 कोरोना पॉजिटिव मरीज हो चुके है।
बिहार के राशनकार्ड धारकों के लिए एक खुशखबरी है CM नितीश कुमार की तरफ से की गई घोषणा के तहत गुरुवार से ही राशनकार्ड धारकों के खाते में एक-एक हजार रुपये भेजना शुरू किया जाएगा
नोवल कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ इस महामारी को हराकर हॉस्पिटलों से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। बिहार में अबतक कोरोना के तीन मरीजों को स्वस्थ कर अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। तीनों ने एक स्वर से लोगों को इस बीमारी से लड़ने के लिए लॉकडाउन का पालन करने की अपील की है।
राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तब्लीगी मरकज में शामिल हुए लोगों में कोरोना फैलने की पुष्टि हो चुकी है। जिसके बाद केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार भी हाई अलर्ट पर है। निजामुद्दीन से लौटे सभी लोगों की तलाश की जा रही है। इस बीच बिहार के एक जिले में निजामुद्दीन से लौटे 13 लोगों के ठहरने की पुष्टि हुई है।
कोरोना को मात देने वाली बिहार की पहली मरीज पटना की अनिथा गौतम हैं। 35 वर्षीय अनिथा ने अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद कहा कि डॉक्टरी सलाह और संयम के दम पर बीमारी को दूर किया जा सकता है। बता दें कि अनिथा को 30 मार्च को डिस्चार्ज किया गया।
बिहार में कोरोना का एक और पॉजिटिव मरीज मिला है। टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीज के घर और आस-पास के 20 लोगों को स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल लाया गया है। बताया जाता है पॉजिटिव मिला मरीज कुछ दिनों पहले दुबई से लौटा था।
कोरोना से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन में बाहर से गांव आने वाले लोगों की प्रशासन तलाश कर उनकी जांच कर रही है। इस काम में स्थानीय लोग भी प्रशासन की मदद कर रहे हैं। जो इस महामारी से बचने के लिए जरूरी भी है। लेकिन इस कारण लोगों में विवाद भी हो रहा है।
कोरोना से उपजे संकट के बीच बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एईएस (चमकी बुखार) ने दस्तक दे दी है। जिले के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में इलाजरत साढ़े तीन वर्ष के एक बच्चे की मौत चमकी बुखार से हो गई। चमकी बुखार की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्थिति है।