10 मार्च, बुधवार की रात से बुध ग्रह कुंभ राशि में अपनी चाल बदल चुका है यानी मार्गी हो चुका है।
वर्तमान में बुध कुंभ राशि में है और 7 अप्रैल तक इसी राशि में रहेगा। बुध कुंभ राशि में 17 फरवरी, सोमवार से वक्री हो चुका है। अब 10 मार्च तक बुध इसी स्थिति में रहेगा, इसके बाद पुन: मार्गी यानी सीधा हो जाएगा।
31 जनवरी, शुक्रवार से बुध ग्रह शनि की राशि कुंभ में प्रवेश कर चुका है। इस राशि परिवर्तन की वजह से कुछ राशियों के लिए परेशानियां बढ़ने वाली है।
इस बार 25 जनवरी, शनिवार से माघ मास की गुप्त नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है। धर्म ग्रंथों के एक साल में 4 नवरात्रि होती है। ये चारों नवरात्रि ऋतुओं के संधिकाल में आती हैं। इनमें से माघ और आषाढ़ मास की नवरात्रि गुप्त होती है।
हिंदू धर्म में नवग्रहों को भी देवता के रूप में पूजा जाता है। सभी ग्रहों को जुड़ी अलग-अलग मान्यताएं भी हमारे समाज में प्रचलित हैं।
बुध ग्रह राशि बदलकर मकर में आ चुका है, ये ग्रह 30 जनवरी तक इसी राशि में रहेगा। 15 जनवरी को सूर्य भी इसी राशि में आ चुका है। इन दोनों ग्रहों के एक ही राशि में होने से बुधादित्य योग बन रहा है।
25 दिसंबर, बुधवार को बुध राशि बदलेगा। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। बुध वृश्चिक राशि से निकलकर धनु में प्रवेश करेगा।
सूर्य के धनु राशि में आ जाने से बुध अस्त हो गया है। इससे पहले बृहस्पति अपनी ही राशि में सूर्य के आ जाने से अस्त हो गया है।
ज्योतिष में कुल 9 ग्रह बताए गए हैं और 12 राशियां है इन सभी 12 राशियों के अलग-अलग ग्रह स्वामी हैं तीसरी और छठी राशि यानी मिथुन और कन्या का स्वामी बुध है बुध ग्रह बुद्धि से संबंधित है
5 दिसंबर को बुध वृश्चिक राशि में आ जाएगा और 25 दिसंबर तक इसी राशि में रहेगा। जानिए किस राशि पर इसका क्या असर होगा।