30 अप्रैल, शुक्रवार से बुध ग्रह राशि बदलकर मेष से वृष में आ चुका है, जो 25 मई तक इसी राशि में रहेगा। इस ग्रह की चाल में बदलाव होने से 5 राशियों के लिए अच्छा समय शुरू हो जाएगा। वहीं, मिथुन, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। इनके अलावा 4 राशियों के लिए मिला-जुला समय रहेगा।
16 अप्रैल की रात से बुध ग्रह ने मीन से मेष राशि में प्रवेश कर लिया है। अब ये ग्रह 30 अप्रैल तक मेष राशि में ही रहेगा। ग्रह के राशि परिवर्तन की तारीख के संबंध में पंचांग भेद भी हैं।
16 अप्रैल, शुक्रवार से बुध ग्रह मीन राशि से निकलकर मेष राशि में आ चुका है। ये ग्रह 4 मई तक इसी राशि में रहेगा। इस राशि में पहले से ही सूर्य स्थित है।
1 अप्रैल से बुध ग्रह राशि बदलकर कुंभ से मीन में आ गया है। इस राशि में ये ग्रह 16 अप्रैल तक रहेगा। उसके बाद मंगल की राशि मेष राशि में चला जाएगा।
इस बार 24 मार्च, बुधवार को पुष्य नक्षत्र का शुभ योग बन रहा है। बुधवार को होने से ये बुध-पुष्य कहलाएगा। इस दिन आमलकी एकादशी होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
वैदिक ज्योतिष की तरह हस्तरेखा शास्त्र में भी सैकड़ों योगों का वर्णन मिलता है। ये योग व्यक्ति की हथेली में विशेष रेखाओं, पर्वतों और चिह्नों के संयोग से बनते हैं।
मिथुन राशि चक्र की तीसरी राशि है। राशि का प्रतीक युवा दम्पति है, यह द्वि-स्वभाव वाली राशि है। जिन लोगों का नाम का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह अक्षर से शुरू होता है वे मिथुन राशि के होते हैं।
बुध ग्रह 25 जनवरी से कुंभ राशि में आ चुका है, लेकिन अब 4 फरवरी से एक राशि पीछे यानी फिर से मकर राशि में आ जाएगा। वहीं, 31 जनवरी को शुक्र मकर राशि में आ गया है। इन दो ग्रहों के एक ही राशि में होने से कई लोगों की आर्थिक स्थिति में बदलाव हो सकते हैं।
व्यक्ति जब जन्म लेता है, उस समय की ग्रह स्थितियों के अनुसार ही उसकी जन्म कुंडली बनती है। कुंडली में ग्रहों की युति कई शुभ और अशुभ योग बनाती है।
3 नवंबर, मंगलवार की रात से बुध ग्रह सीधी चाल चलने लगेगा यानी तुला राशि में ही वक्री से मार्गी स्थिति में हो जाएगा। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार इससे पहले 14 अक्टूबर को ये ग्रह तुला राशि में वक्री हुआ था।