दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार को मंदिर के निमार्ण के लिए सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अब सरकार को राम मंदिर बनवाने के लिए देश की पांच पीठों के शंकराचार्यों को शामिल करना चाहिए। साथ ही राम मंदिर निर्माण के नाम पर जमा हुई धनराशि का उपयोग करना चाहिए।
न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बने सिर्फ साढ़े तीन साल ही हुए हैं लेकिन इस दौरान वह अयोध्या भूमि विवाद, निजता के अधिकार और समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर करने जैसे अनेक महत्वपूर्ण मामलों में फैसले सुनाने वाली पीठ का हिस्सा बन चुके हैं।
दूसरी तरफ मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा- "मैं आज बहुत खुश हूं, राम मंदिर के लिए दिए कार सेवकों का बलिदान और संघर्ष खाली नहीं गया। जल्द से जल्द राम मंदिर बनना चाहिए। मेरी इच्छा है कि देश में राम मंदिर के साथ राम राज्य भी आना चाहिए। "
अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने के बाद भाजपा और संघ के कम से कम 50 कार्यकर्ताओं ने आरती में भाग लिया। उन्होंने मिठाईयां बांटी और जय श्री राम के नारे लगाए। इसके बाद जल्दी ही पुलिस ने उन्हें मंदिर से बाहर जाने को कहा।
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना निर्णय सुना दिया। जिस पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कोर्ट के फैसले पर असहमति जताई है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है।
अयोध्या भूमि विवाद को लेकर पहली बार कोर्ट गए परमहंस रामचंद्र दास और हाशिम अंसारी की मांग भले ही अलग-अलग रही हो, लेकिन असल जिंदगी में ये सच्चे दोस्त थे। रामचंद्र दास ने विवादित स्थल पर पूजा करने के लिए जिला न्यायालय में मुकदमा दायर किया था।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की बेंच ने इस मामले में 40 दिन में 172 घंटे तक की सुनवाई की थी। बेंच में जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस ए नजीर भी शामिल हैं।
यूपी के हमीरपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक साल से लोग एक शौचालय के सामने सिर छुका रहे थे। वहां से गुजरने वाला हर शख्स शौचालय को मंदिर मानकर झुककर प्रणाम करता था। लेकिन सच्चाई कुछ और ही निकली।
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला कभी भी आ सकता है। इससे पहले विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने का काम बंद कर दिया है। बता दें, 1990 से विहिप लगातार राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने का काम कर रहा था। तब से लेकर अब तक ऐसा पहली बार हुआ जब काम बंद हुआ।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विधानसभा में कहा कि कोई कानून लाना राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से संबंधित उच्चतम न्यायालय का फैसला मौलिक अधिकारों से जुड़ा फैसला है।