15 जनवरी, बुधवार को सूर्य पूजा का पर्व मकर संक्रांति है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने का महत्व है।
भारत में एक ही त्योहार अनेक रूपों में मनाया जाता है। मकर संक्रांति भी एक ऐसा ही पर्व है। इस बार ये पर्व 15 जनवरी, बुधवार को मनाया जाएगा।
15 जनवरी, बुधवार को मकर संक्राति है। ये मुख्य रूप से सूर्यदेव की पूजा का पर्व है। ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति पर सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल सकता है और किस्मत चमक सकती है।
जब सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में जाता है तो मकर संक्रांति (15 जनवरी) का पर्व मनाया जाता है। इसे उत्तरायण भी कहते हैं। मान्यता है कि इसी दिन से देवताओं का दिन शुरू होता है।
ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार मकर संक्रांति पर किए जाने वाले स्नान, दान का महत्व 15 जनवरी, बुधवार को रहेगा।
मकर संक्रांति अब बहुत नजदीक है। यह त्योहार अलग-अलग रूपों में पूरे देश में मनाया जाता है। इस मौके पर तिलकुट या तिल की पट्टी खाने का रिवाज है।
इस बार 14 जनवरी की रात को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसके अगले दिन यानी 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्यकाल मान जाएगा। इसी दिन संक्रांति के स्नान और दान का महत्व रहेगा।
15 जनवरी से सूर्य उत्तरायण हो जाएगा। यानी इसी दिन मकर संक्रांति का पर्व भी मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति इस बार 14 नहीं 15 जनवरी, बुधवार को मनाई जाएगी।
हर बार 14 जनवरी को मनाया जाने वाला मकर संक्रांति पर्व इस बार 15 जनवरी को मनाया जाएगा, क्योंकि सूर्यदेव 14 जनवरी की रात 2.8 मिनिट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।