सार

इस बार 14 जनवरी की रात को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसके अगले दिन यानी 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्यकाल मान जाएगा। इसी दिन संक्रांति के स्नान और दान का महत्व रहेगा।

उज्जैन. मकर संक्रांति पर मुख्य रूप से भगवान सूर्यदेव की पूजा का महत्व है। इस दिन सुबह सूर्य को अर्घ्य देकर कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। ये मंत्र और इसके जाप की विधि इस प्रकार है...

सूर्य मंत्र स्तुति
नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्।
दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।।
इन्दं विष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुं विभुम्।
त्रिनेत्रं त्र्यक्षरं त्र्यङ्गं त्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम्।।

इस विधि से करें मंत्र का जाप
- मकर संक्रांति की सुबह स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें। इसमें लाल फूल और कुमकुम डालें।
- इसके बाद धीरे-धीरे सूर्य को अर्घ्य दें। साथ ही ये मंत्र भी बोलते रहें।
- अर्घ्य देने के बाद रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप जारी रखें। कम से कम 5 माला जाप जरूर करें।
- मंत्र जाप के बाद सूर्यदेव के हाथ जोड़कर अपनी मनोकामना कहें।
- इस प्रकार सूर्यदेव की पूजा और मंत्र जाप करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।