14 जनवरी, शुक्रवार को सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर में प्रवेश करेगा। इसी दिन मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) का पर्व मनाया जाएगा। इसी के साथ खरमास समाप्त हो जाएगा और मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाएगी। मकर संक्रांति हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
Omicron की बढ़ती चिंता के बीच गृह मंत्रालय (MOH) ने राज्यों को सख्ती करने के निर्देश दिए हैं। उसने कहा है कि राज्य अपने स्तर पर प्रतिबंध लगाएं। नए साल, मकर संक्रांति और होली पर पिछली बार की तरह भीड़ न जुटने दें।
हमारे देश में अनेक पर्व मनाए जाते हैं। इन सभी पर्वों से जुड़ी कई परंपराएं भी हैं। इन सभी परंपराओं के पीछे कोई न कोई धार्मिक, वैज्ञानिक या मनोवैज्ञानिक पक्ष अवश्य होता है। ऐसा ही एक त्योहार है मकर संक्रांति। इस पर्व में पतंग उड़ाने की परंपरा है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य जब एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं। इस प्रकार साल में 12 संक्रांति होती है यानी हर महीने में एक, लेकिन इन सभी में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है।
14 जनवरी, गुरुवार को सूर्य के मकर राशि में आने से मकर सक्रांति पर्व मनाया जाएगा। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, इस दिन सूर्य सुबह करीब 8:20 पर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन मकर संक्रांति का पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगा।
यह घटना साम्प्रदायिक सौहार्द्र की अनोखी कहानी बयां करती है। बेशक गाय हिंदू धर्म में पूज्यनीय है, लेकिन इसे लेकर राजनीति भी खूब होती रही है।
केदार पांडेय आरपीएफ के रिटायर्ड जवान थे, जबकि उनके पुत्र सुनील पांडेय समाजवादी पार्टी के नेता थे। पिता-पुत्र की इस तरह मौत से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मकर संक्रांति के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में तड़के 3:30 बजे खास पूजा-आरती की और महारोट के प्रसाद से बाबा गोरखनाथ को भोग लगाया। इसके बाद मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए, जिसके बाद भारी संख्या में भक्तों ने बाबा गोरखनाथ के दर्शन किए और खिचड़ी चढ़ाई।
आज (15 जनवरी, बुधवार) मकर संक्रांति है। इस पर्व पर सुबह सूर्यदेव को अर्घ्य देकर स्नान, दान का विशेष महत्व है।
जब सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में जाता है तो मकर संक्रांति (15 जनवरी) का पर्व मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार साल में 12 संक्रांति होती है, लेकिन मकर संक्रांति का विशेष महत्व है।