योगी सरकार 2.0 के गठन के बाद से सभी विभाग के अधिकारी बहुत ही एक्टिव मोड के साथ काम कर रहे है। अब उत्तर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में डिस्पले बोर्ड लगाने की तैयारी है। इसके जरिए मेडिकल कॉलेजों में बेड की संख्या के साथ साथ अस्पतालों में उपलब्ध दवाईयों की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकेगी। राज्य के मेडिकल कालेजों में जल्द से जल्द डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे।
शिवराज ने कहा कि 21 अप्रैल से नए तरीके से ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना' शुरू होगी। जबकि 2 मई से लाडली लक्ष्मी योजना शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा, जहां मेडिकल की पढ़ाई हम इस बार हिन्दी में शुरू करेंगे।
कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि मैं यूक्रेन में गोलाबारी में मारे गए नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के पार्थिव शरीर को वापस लाने के प्रयासों के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने उन्हें गोलाबारी में खो दिया।
प्रदेश सरकार हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कालेज खोलने की योजना को अब तेजी से अमली जामा पहनाएगी। आपको बताते चले कि अभी तक महाराजगंज व संभल में निजी संस्था को पीपीपी माडल पर मेडिकल कालेज खोलने की हरी झंडी दी जा चुकी है। बाकी जिलों के लिए 21 आवेदन मिल चुके हैं।
21 वर्षीय भारतीय स्टूडेंट नवीन शेरखरप्पा, कर्नाटक के हावेरी जिले (Haveri district) का रहने वाला था। खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी (Kharkiv National Medical University) में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था।
धुंआ फैलने से मरीज और तीमारदारों में भगदड़ मच गई। सभी तीमारदार अपने-अपने मरीजों को अस्पताल के वार्ड से निकालकर भागने लगे। आठ मंजिला अस्पताल के छठे फ्लोर पर मरीज थे। एक पर औसतन 30 से 35 मरीज भर्ती थे। बताते हैं कि कूड़े में लगी आग का धुंआ पांचवे और छठे फ्लोर पर पहुंच गया था। आग की खबर लगते ही मेडिकल कॉलेज में अफरा-तफरी मच गई।
कैंडिडेट्स 15 मार्च से जून 2022 सत्र के लिए एफएमजीई रजिस्ट्रेशन (FMGE Exam Registration 2022) प्रक्रिया कर पाएंगे। रजिस्ट्रेशन करने के लिए कैंडिडेट्स को ऑफिशियल बेवसाइट nbe.edu.in पर जाना होगा।
दरअसल, यूक्रेन के कीव में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले साहिल ने खुद आने की बजाय सबसे पहले अपने पालतू डॉगी सुंडू को सुरक्षित घर भेजा है। यूक्रेन से करीब 4,600 किमी दूर रोहतक स्थित साहिल के घर डॉगी सूंडू पहुंच गया है।
Medical Education In abroad : डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक प्रति 1000 की आबादी पर एक डॉक्टर की जरूरत है। इसके मुताबिक भारत की 138 करोड़ जनसंख्या के हिसाब से 1.38 करोड़ डॉक्टर चाहिए। नेशनल हेल्थ प्रोफाइल डाटा के आंकड़ों के अनुसार 2021 तक केवल 12 लाख रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर (RMP) थे। और इस समय भारत में 83,000 MBBS सीटें उपलब्ध हैं। लगभग 16 लाख उम्मीदवार मेडिकल परीक्षा में हर साल शामिल होते हैं।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने भारत में निजी मेडिकल कॉलेजों को सरकारी कॉलेज की फीस पर 50% सीटें देने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।